Dhanbad : ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की 30वीं केन्द्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक 14 नवंबर को धनबाद के रेलवे ऑडिटोरियम में शुरू हुई. ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने शहीदों को श्रद्धांजलि देकर कार्यक्रम की शुरुआत की. उन्होंने युवा कर्मचारियों से एनपीएस समाप्त कर गारंटेड पेंशन योजना के आंदोलन में पूरी शक्ति के साथ शामिल होने की अपील की. कहा कि केन्द्र सरकार रेलवे की 26 प्रतिशत परिसम्पत्तियों को बेचने की योजना बनाई है. फेडरेशन ने इसके मसौदे का पुरजोर विरोध किया है. रेलवे में खाली साढ़े तीन लाख पदों पर बहाली के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है. इससे कार्यरत कर्मचारियों पर काम का बोझ कम होगा. वहीं, बेरोजगार युवकों को स्थाई आजीविका भी मिल सकेगी.
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कमी के बावजूद मौजूदा मैन पावर की बदौलत ही रेलवे की कमाई में वृद्धि हुई है. ऐसे में रेलवे का निजीकरण सर्वथा अनुचित है. ट्रैकमैन सहित अन्य निम्न ग्रेडपे के कर्मचारियों को 4200 रुपए ग्रेडपे में पदोन्नति देने, एलडीसीई ओपन टू ऑल करने, जोखिम भरे कार्यों के लिए जोखिम भत्ता देने, रनिंग कर्मचारियों को एम एसीपी के तहत 4600 व 4800 रुपए ग्रेडपे देने सहित अन्य मुद्दों को फेडरेशन ने बोर्ड के समक्ष रखा है. इसे पाने के लिए आंदोलन में सभी के सहयोग की आवश्यकता है.
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एकजुटता से ही होगा समस्याओं का समाधान : डीके पांडेय
ईसीआरकेयू के अध्यक्ष डीके पांडेय ने तमाम समस्याओं के समाधान के लिए कर्मचारियों को एकजुट करने की आवश्यकता जताई. कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एआईआरएफ व जोन स्तर पर मान्यता प्राप्त यूनियन ईसीआरकेयू ही एकमात्र सक्रिय संगठन है, जो रेलकर्मियों की समस्याओं के समाधान के प्रति प्रति गंभीर है.
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