Maithan : मैथन (Maithan) चिरकुंडा नगर परिषद के सुंदरनगर में सात करोड़ की लागत से बन रहा ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट का काम ठप है. प्लांट निर्माण में लगी पायनियर कंपनी के पदाधिकारी अंदरूनी कलह को लेकर क्षेत्र से तीन माह से गायब हैं. फिलहाल निर्माण शुरू होने के आसार नहीं दिख रहे हैं. बता दें कि चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने के लिए पायनियर कंपनी से बीस वर्षो का समझौता हुआ है. कंपनी को डोर टू डोर कचरा उठाव करने की जिम्मेवारी मिली है. इसके एवज में नगर परिषद कंपनी को रकम भुगतान भी करती आयी है.
अधूरा काम छोड़ भागी कंपनी
तीन करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान की बात नगर परिषद द्वारा कही जा रही है. पायनियर कंपनी ने वेस्ट मैनेजमेंट के तहत सात करोड़ रुपये की लागत से कचरा रिसाइकल प्लांट (ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट) निर्माण का काम शुरू किया. इस कचरे से कंपोस्ट खाद बनाने की योजना तैयार कर धरातल पर उतारने की कोशिश की. वार्ड 21 स्थित सुन्दर नगर बराकर नदी के किनारे समुचित जमीन भी उपलब्ध कराई गई. परंतु कंपनी प्लांट निर्माण का काम अधूरा छोड़ भाग गई. अब नप के कर्मी ही कचरा उठाव कर रहे हैं.
क्यों ठप पड़ा प्लांट का निर्माण कार्य
तीन लोगों की पार्टनरशिप में पायनियर कंपनी थी. पार्टनरों के बीच लेन-देन को लेकर आपस में विवाद हो गया और मुकदमा भी हो गया. पार्टनरशिप टूट गई और कंपनी का अस्तित्व लगभग खत्म हो गया. यही कारण है कि कंपनी काम अधूरा छोड़ भाग गयी. नगर परिषद की बोर्ड बैठक में कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने का प्रस्ताव आया. बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ कि कंपनी को लेकर नगर विकास विभाग को पत्र भेजा जाएगा. विभाग की टीम सभी 21 वार्डो में सर्वे करेगी. उसके बाद ही यह निर्णय लिया जाएगा कि पायनियर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाये या नहीं.
नगर विकास विभाग के निर्देश का इंतजार
इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी बीडीओ विनोद कुमार कर्मकार ने कहा कि पायनियर कंपनी को लेकर नगर विकास विभाग, रांची से मार्गदर्शन मांगा गया है. चिरकुंडा नगर परिषद अध्यक्ष डब्ल्यू बाउरी ने कहा कि प्लांट पर करीब तीन करोड़ रूपये खर्च हो चुके हैं. पायनियर कंपनी में आपसी विवाद के कारण प्लांट का काम अधूरा पड़ा है. कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने के लिये बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पारित किया गया है. दिशा निर्देश के लिये नगर विकास विभाग को पत्र भी भेजा गया है.