Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) झरिया एवं उसके आसपास के क्षेत्र में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. बुधवार 24 अगस्त को भी झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (झमाडा) की जलापूर्ति व्यवस्था पूरी तरह ठप रही. 12 लाख लोग पानी के लिए सड़कों पर भागते दौड़ते नजर आये. किसी ने पानी के लिये ऑफिस छोड़ा तो कई बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाए. कुआं और बीसीसीएल खदान के पानी पर लोग निर्भर रहे. झमाडा के अस्तित्व को बचाने के लिये तकनीकी पर्सन इंद्रेश शुक्ला व जल कार्य अधीक्षक पंकज झा, डीसी के साथ मंथन करने में दिनभर व्यस्त रहे. झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह भी जनता के बीच से नदारद रही.
9 दिन पहले फ़टी थी पाइप
जानकारों का कहना है कि झरिया में बिछाई गई पाइप 60-70 साल पुरानी है. यही वजह है कि पाइप हर 10-15 दिन में कहीं न कहीं से लीकेज हो जाती है. यह सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है. 16 अगस्त को जामाडोबा जल सयंत्र के समीप 30 इंच तथा पथलडीह में 18 इंच पाइप 4 जगह फट गई थी. लाखों गैलन पानी हर दिन बर्बाद होता रहा. मुसीबत ज्यादा बढ़ गई तो मंगलवार से झमाडा ने जलापूर्ति पूरी तरह बंद कर दी. अभी रंगा, शीश और कच्चा सुत्ता से लीकेज को बंद करने का काम चल रहा है, पुरानी पाइप होने के कारण इसपर वेल्डिंग भी नहीं हो सकता है. बारिश भी एक समस्या है, जिस कारण काम में देरी हो रही है. यही स्थिति रही तो पाइप ठीक होने में चार दिन भी लग सकता है.
झरिया में पेय जलापूर्ति की स्थिति बदतर
झरिया वार्ड 44 के पूर्व पार्षद पति विक्रमा सिंह यादव ने कहा कि झरिया में पेय जलापूर्ति की स्थिति बदतर है. उन्होंने कहा कि यह समस्या झमाड़ा की वर्षो पुरानी पाइप और मोटर की वजह से उत्पन्न होती है. जब तक झमाड़ा पुरानी पाइपलाइन और मोटर को नहीं बदलेगा, समस्या में सुधार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि लाखों की आबादी इस समस्या से प्रत्येक माह जूझती है. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
जनता को देखनेवाला कोई नहीं
भगतडीह निवासी एके पांडे ने कहा यहां जनता को देखने वाला कोई नहीं है. आज सिर्फ नहाने के लिये हमें तीन किलोमीटर जाना पड़ा. ऑफिस छूट गया. बच्चे स्कूल नहीं गए. महिलाएं अलग परेशान हैं. यह दशा इस क्षेत्र के हर व्यक्ति की है.
2 जगह लीकेज ठीक करने में लगेगा दो दिन
झमाड़ा की पाइप मरम्मत का काम करा रहे ठेकेदार राजू सिंह ने कहा कि दो जगह पाइप लीकेज है, जिसकी मरम्मत करने में लगभग 2 दिन लग सकते हैं. इस बीच अगर बारिश हुई तो समय बढ़ सकता है. पाइप मरम्मत का काम पूरा होने के बाद ही झरिया की जनता को सुचारू रूप से पानी मिलेगा.
सरकार सिर्फ खुद का कर रही विकास
भाजपा नेत्री रागिनी सिंह ने कहा कि झरिया में सिर्फ पानी ही नहीं, बिजली और सड़क की भी स्थिति भी बदतर है. देखने वाला कोई नही है. वर्तमान सरकार भी खुद का विकास करने में लगी है. उन्हें जनता के विकास से कोई मतलब नहीं है. हम जनता के साथ खड़े हैं और आखिरी सांस तक खड़े रहेंगे.
डीआई पाइप से होगा स्थायी समाधान
झमाडा के तकनीकी सदस्य (टीएम) इंद्रेश शुक्ला ने बताया कि जलापूर्ति का एक मात्र स्रोत दामोदर नदी है. अभी नदी में किसी प्लांट का तेल तैर रहा है. जलापूर्ति पूरी तरह बंद है. तेल निकालने का प्रयास चल रहा है, साथ ही मरम्मत कार्य भी चल रहा है. सब कुछ ठीक रहा तो दो दिन में जलापूर्ति सामान्य हो जाएगी. इसके अलावा लीकेज के स्थायी समाधान की दिशा में भी काम चल रहा है. मेन लाइन में डीआई पाइप बिछाने का काम चल रहा है. जल्द ही काम पूरा हो जाएगा. उसके बाद नयी पाइप से जलापूर्ति की जाएगी. बरसात में पम्प के पास जलकुंभी या मोटर डूब जाने की समस्या है. यह प्राकृतिक आपदा है, इसे कौन रोक सकता है. जहां तक झरिया में वैकल्पिक व्यवस्था की बात है, तो लोगों को पहले ही आगाह कर दिया था कि दो-तीन पानी की दिक्कत होगी. अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है.
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