2000 से अधिक घरों में परिवार सहित रहते हैं लोग, खाली आवासों से लाखों की चोरी
Dhanbad : झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार योजना के तहत भू-धंसान अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से विस्थापितों को बसाने के लिए शहर से लगभग 8 किमी दूर बेलगड़िया टाउनशिप का निर्माण किया गया. परंतु रोजगार, बिजली, पानी व स्वास्थ्य आदि का सही साधन नहीं होने से परिवार के साथ लोग रहना पसंद नहीं कर रहे हैं. घर भी मिला तो वह रहने लायक नहीं हैं. किसी में एक तो किसी में दो छोटे-छोटे कमरे हैं.
न रोशनी, न रोजगार, नहीं शिफ्ट हो रहे लोग
कई लोग शिफ्ट नहीं होना चाह रहे हैं. तीन से चार मंजिला सैकड़ों आवास खाली पड़े हैं. रात में सड़कों व गलियों में रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं है. लिहाजा रोजाना चोर बारी-बारी से खाली पड़े आवासों से ग्रिल गेट, दरवाजा, खिड़की, नल, वायरिंग के तार, पाइप व बोर्ड उखाड़ ले गए. इलाके में रहनेवाले लोग कहते हैं कि सैकड़ों घरों से चोर खिड़की-दरवाजा आद संपत्ति ले गए. सुधि लेने न अधिकारी आए और न ही थाना की पुलिस आई. लोगों का कहना है कि लगभग 2000 घरों में लोग परिवार के साथ रहते हैं. खाली पड़े आवासों में शिफ्ट नहीं होने से लाखों की संपत्ति चोर ले गए.
किराए पर आवास लेकर रहते हैं कई लोग
बेलगड़ियां में रहनेवाले एक-दो युवकों ने कहा कि कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने सरकारी योजना के तहत आवास तो ले लिया है लेकिन रहते नहीं हैं. रोजगार का साधन नहीं रहने के कारण झरिया में रहते हैं. अपने आवास को किराया पर लगा दिया है. कोई एक तो कोई दो हजार रुपये किराया वसूल रहा है. जिस घर में एक कमरा, शौचालय व रसोई घर है, उसका किराया एक हजार है, जबकि जिस दो कमरा, शौचालय व रसोई घर वाले आवास का किराया दो हजार है.
कई आवासों को बेच भी डाला
बेलगड़िया में एक दुकान के पास बैठे दो युवकों ने कहा कि कुछ लोगों ने एक कमरा वाला आवास 50 हजार तो दो कमरा वाला आवास को एक लाख रुपये में बेच डाला है. अगर किसी को चाहिए तो वे लोग एग्रीमेंट करा कर आवास बेच देते हैं. अबतक कई आवास बिक चुके हैं और सैकड़ों की संख्या में लोग बेचने की तैयारी कर रहे हैं. सब कुछ गोपनीय तरीके से होता है, ताकि किसी को पता न चले. इस संबंध में जरेडा के प्रबंधक निदेशक सह उपायुक्त वरूण रंजन से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल बंद मिला.