उस समय का चिंदी चोर प्रिंस खान आज गैंगस्टर बनकर खड़ा है : मुन्ना खान
Jharia : उस समय का चिंदी चोर प्रिंस खान आज गैंगस्टर बनकर खड़ा है. पुलिस ने अगर समय रहते कार्रवाई की होती तो प्रिंस खान शहर के लोगों के लिए आतंक का पर्याय नहीं बना होता. ये बातें रंजीत सिंह हत्याकांड के मुख्य गवाह मुन्ना खान ने सोमवार 21 अगस्त को झरिया प्रेस कलब में रंजीत सिंह की पांचवी पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि अगर रंजीत सिंह के समय अगर प्रिंस खान पर शिकंजा कसा जाता तो आज यह दिन देखना नही पड़ता.
इससे पहले झरिया प्रेस कलब में दिवंगत रंजीत सिंह की पांचवी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता रणजीत सिंह के साथी मुना खान ने ही किया. मुख्य अतिथि के रूप में झरिया के पुलिस निरीक्षक संतोष कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी प्रेम बच्चन शरीक हुए. कार्यक्रम की शुरूआत रंजीत सिंह की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पित कर की गई. इस मौके पर दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें याद किया गया. वक्ताओं ने कहा कि झरिया के युवाओं के लिए रंजीत सिंह प्रेरणास्रोत थे. झरिया आरएसपी कॉलेज को बचाने की लड़ाई लड़ी और आंदोलन किया. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्य रूप से बिनोद पासवान, संजय सिंह, रणजीत गुप्रा, अशोक मालाकर, राकेश सिंह, मनोज सिंह, अमित नोनियां, याकिब रजा समेत कई लोग मौजूद रहे.
रंजीत सिंह की हत्या से हिल गया था धनबाद
झारखंड विकास मोर्चा के युवा संगठन झारखंड विकास युवा मोर्चा के धनबाद जिला अध्यक्ष रंजीत सिंह की 21 अगस्त 2018 को गोंदूडीह ओपी क्षेत्र में कुसुंडा रेलवे फाटक के पास गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. दो पल्सर बाइक पर सवार चार अपराधियों ने शाम करीब छह बजे वारदात को अंजाम दिया था. इस हत्या से पूरे कोयलांचल में सनसनी फैल गई थी. रंजीत सिंह जेवीएम के झरिया नगर अध्यक्ष मुन्ना खान के साथ अपनी जेएच 10 एजे-9990 नंबर की स्वीफ्ट कार से साढ़े चार बजे के करीब कुसुंडा साइडिंग गए थे. वहां वे बीकेबी नामक आउटसोर्सिग कंपनी का रेल रैक में कोयले की लोडिंग का काम देख रहे थे. शाम छह बजे के करीब साइडिंग से घर लौट रहे थे. कार झरिया निवासी मुन्ना खान ड्राइव कर रहा था. दो पल्सर पर सवार चार अपराधी साइडिंग से ही उनका पीछा कर रहे थे. रास्ते में हत्यारों ने रंजीत सिंह की कार को ओवरटेक करने की कोशिश की. अनहोनी की आशंका पर मुन्ना कार भगाने लगा. परंतु कुसुंडा रेलवे फाटक के पास जैसे ही कार धीमी हुई, दो पल्सर बाइक पर सवार चार अपराधियों ने कार को आगे से घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. रंजीत सिंह को जहां तीन गोलियां लगी, वहीं एक गोली मुन्ना के जबड़े को छेद करते हुए बाहर निकल गई. स्थानीय लोगों ने गंभीर रूप से जख्मी रंजीत व मुन्ना को अशर्फी अस्पताल पहुंचाया. लेकिन रास्ते में ही रंजीत की मौत हो गई थी.