- निजी अस्पताल और डॉक्टरों को भी टीबी मरीजों के इलाज के लिए आगे आने की अपील
Ranchi : राज्यपाल रमेश बैस ने रिम्स की व्यवस्था को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. दरअसल, ऑड्रे हाउस में आयोजित टीबी मुक्त भारत अभियान के शुभारंभ के दौरान अपने संबोधन में कहा कि यह जानकारी मिली है कि रिम्स के निदेशक छुट्टी पर हैं. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से कहा कि रिम्स राज्य का एकमात्र बड़ा अस्पताल है, जिससे सवा तीन करोड़ लोगों को इलाज की उम्मीद रहती है. इसकी व्यवस्था सुधारने की जरूरत है. मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, अभियान निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह, रांची सांसद संजय सेठ, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार के अलावा अन्य लोग मौजूद थे.
जागरूकता और दवा लेने से होगा टीबी का उन्मूलन
राज्यपाल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने टीबी को खत्म करने के लिए 2025 तक का संकल्प लिया है. राष्ट्रपति के द्वारा टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत 9 सितंबर को किया गया है. टीबी की रोकथाम के लिए भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है. टीबी का समाज से उन्मूलन कोई बड़ी बात नहीं है. जागरूकता और रोगियों को दवा लेने से इस पर लगाम लगाया जा सकता है. आज यह बीमारी किसी को भी हो सकता है. यह बीमारी उम्र नहीं देखती है. दवा का सेवन करते रहें. टीबी दिमाग, गला और हड्डी में होने वाली बीमारी है. निजी अस्पताल भी टीबी के मरीजों के इलाज में आगे बढ़कर आएं. तभी हम इस पर पूरी तरह से लगाम लगा सकते हैं.
500 रुपए डीबीटी के माध्यम से दी जाती है
राज्यपाल ने कहा कि टीबी के मरीजों के पोषण के लिए सरकार द्वारा 500 रुपया प्रतिमाह दिया जाता है. मरीजों के बेहतर पोषण के लिए सरकार ने लोगों से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की.
टीबी के खात्मे के लिए सामूहिक भागीदारी जरूरी- बन्ना गुप्ता
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान को लेकर राज्यपाल के नेतृत्व में राज्य आगे बढ़ रहा है. मजबूत संकल्प के साथ भारत सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टीबी के उन्मूलन के लिए 2030 का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन भारत और झारखंड ने 2025 तक इस बीमारी का उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने राज्य को हर संभव मदद की है. जिसका परिणाम है कि हम कई बीमारियों के उन्मूलन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. आज देश से पोलियो खत्म हो चुका है.
टीबी की जांच बढ़ाने की जरूरत है
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीबी और कोविड में ज्यादा अंतर नहीं है. दोनों की जांच एक ही विधि (ट्रू नेट) से होती है. झारखंड में टीबी के 34241 मरीज इलाजरत हैं. इसके समूल उन्मूलन के लिए अपने शरीर के प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल गहराइयों से विचार करने वाले व्यक्ति हैं और इनके स्तर पर राज्य बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी लेगा. 17000 लोगों ने टीबी के मरीजों के पोषण की जिम्मेदारी ली है. आगे और भी काम करते हुए सामूहिक भागीदारी सुनिश्चित करने की जरूरत है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में स्वास्थ्य की दशा और दिशा के सुधार में काम कर रहे हैं. जल्द ही राज्य से टीबी का उन्मूलन होगा.
जल्द झारखंड बनेगा देश का पहला टीबी मुक्त राज्य- अरुण कुमार सिंह
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान की शुरूआत 9 सितंबर 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा किया गया है. झारखंड से टीबी को मुक्त करने के लिए राज्यपाल को जिम्मेदारी दी गयी है. राज्य में 38 हजार मरीजों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें टीबी है. मरीजों को राज्य सरकार के द्वारा दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं. इससे बचाव और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. मरीजों को पोषक आहार प्रदान करने के लिए सरकार “निक्ष्य मित्र” बनाने के लिए समाज के लोगों से आगे आने की अपील कर रही है. उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए झारखंड बढ़ रहा है. जल्द ही हमारा राज्य देश का पहला टीबी मुक्त राज्य बनेगा.
अपने कोटे से टीबी के मरीजों के पोषण के लिए काम करूंगी- महुआ
राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि एक वक्त ऐसा भी था, जब टीबी को भयंकर बीमारी माना जाता था. इससे ग्रसित मरीजों को समाज से अलग थलग कर दिया जाता था. लेकिन बदलते वक्त के साथ व्यवस्था में बदलाव हुआ है. जनभागीदारी से टीबी को खत्म करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं अपने राज्यसभा कोटे से टीबी के मरीजों के पोषण के लिए काम करूंगी.
140 मरीजों को मैंने गोद लिया है- संजय सेठ
रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि यह एक बड़ा अभियान है. 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है. पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि हम इस रोग को 2025 तक खत्म कर देंगे. उन्होंने कहा कि देश में 13 लाख 50 हजार टीबी के मरीज हैं. 7000 के करीब ऐसी संस्थाएं हैं, जो ऐसे मरीजों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए काम करते हैं. कहा कि कांके के पास एक गांव है, जहां 140 मरीजों को मैंने गोद लिया है. टीबी को खत्म करने के लिए हर एक व्यक्ति को पोषक बनकर आगे आना पड़ेगा. सिर्फ फ़ोटो नहीं खिंचवाएं, बल्कि उनकी नियमित रूप से जिम्मेदारी लेते हुए उनकी देखभाल भी करने की जरूरत है.
टीबी मरीजों को निक्ष्य आहार का वितरण
टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत के मौके पर कार्यक्रम में मौजूद टीबी के मरीजों को निक्ष्य आहार दिया गया. अंजली बेसरा, कृष्णा तिर्की, राजेन्द्र महली, आशा शर्मा के अलावा अन्य लोगों को आहार दिया गया है.
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