- झारखंड कांग्रेस : 18 अप्रैल को भी पास हुआ था प्रस्ताव, एक बार फिर से आदेश जारी
Ranchi : ऐसा केवल झारखंड कांग्रेस में ही हो सकता है कि पार्टी विरोधी बयानबाजी करने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई का कोई प्रस्ताव पास हो, लेकिन उसका डर कार्यकर्ताओं में दिखे. 18 अप्रैल 2022 को रांची महानगर कांग्रेस द्वारा आयोजित संगठन सशक्तिकरण अभियान के तहत संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ था. कार्यक्रम में प्रस्ताव पास हुआ था कि पार्टी विरोधी बयानबाजी करने वाले मंत्री, सांसद, विधायक या सामान्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उसके बाद भी कार्यकर्ता बयानबाजी करते रहे. आज तक किसी भी कार्यकर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी. सोमवार को फिर से ऐसा ही निर्देश प्रदेश अनुशासन समिति द्वारा जारी हुआ है.
इसे भी पढ़ें – कुड़मी आंदोलन का जवाब देंगे आदिवासी, 30 जनवरी को रेल-रोड रोको आंदोलन
जिला अध्यक्षों की नियुक्ति और पीसीसी गठन के बाद हुई थी बयानबाजी
हाल में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद जो विवाद हुआ, वह किसी से छिपी नहीं है. अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और महिला कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने से नाराजगी इतनी हुई कि शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ पार्टी मुख्यालय में ही खुलकर बयानबाजी हुई. पुतला दहन किया गया. फिर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के गठन के बाद तो कई कार्यकर्ताओं ने (मयूर शेखर झा, जैसे कार्यकर्ताओं ने) प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी की और पद छोड़ा.
सोमवार को हुई प्रदेश अनुशासन समिति की बैठक
पार्टी विरोधी बयानबाजी को लेकर सोमवार को प्रदेश अनुशासन समिति की बैठक पार्टी मुख्यालय में बुलायी गयी. यह बैठक समिति के अध्यक्ष बृजेन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में समिति के सदस्य अनादि ब्रह्म, कालीचरण मुंडा, शमशेर आलम, अमूल्य नीरज खलखो उपस्थित थे.
जिला अध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों से एक हफ्ते में मांगी गयी रिपोर्ट
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव सह प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने बताया कि कमिटी ने पुतला दहन की निंदा की और कार्यकर्ताओं को हिदायत दी कि आगे से ऐसे मामलों में जो भी संलिप्त पाये जायेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बैठक में जिन कार्यकर्ताओं ने मीडिया में प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के खिलाफ अनर्गल बातें कीं, उन पर भी संज्ञान लिया गया. इस संबंध में एक हफ्ते के अंदर जिला अध्यक्षों एवं प्रदेश पदाधिकारियों से भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है. रिपोर्ट मिलने के बाद कांग्रेस संविधान के अनुरूप समुचित कार्रवाई की जाएगी.
इसे भी पढ़ें – धनबाद: पूर्व विधायक फूलचंद के पुत्र समेत पांच पर रंगदारी व मारपीट का मुकदमा