Koderma : वन उत्पादकता संस्थान झारखंड रांची के निर्देश पर दामोदर नदी के वानिकी द्वारा कायाकल्प एवं वन अग्नि की रोकथाम एवं सुरक्षा के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक की गई. बैठक में जंगल की आग रोकने एवं सुरक्षा को लेकर विचार-विमर्श किया गया. वन प्रमंडल पदाधिकारी सूरज कुमार सिंह ने बताया कि जंगल में आग लगने के मुख्यतः दो कारण होते हैं, एक तो प्राकृतिक कारणों से या दुर्घटनावश आग लग जाना, वहीं दूसरा महुआ चुनने के लिए आग लगाना. जो भी ग्रामीण जंगलों में महुआ या अन्य किसी काम के लिए जाते हैं, उनके द्वारा जंगलों में आग लगा दी जाती है, जिससे जंगलों की वन संपदा सहित वन्यजीवों को भी नुकसान होता है.
वन प्रमंडल पदाधिकारी ने जंगल में आग लग जाने से होने वाले दुष्परिणाम को विस्तार से बताया. जंगल में आग लगने से रोकने के लिए वन प्रमंडल पदाधिकारी ने सभी वनपाल के बीच उपायों को भी साक्षा किया. वन प्रमंडल पदाधिकारी ने कहा कि महुआ चुनने वालों पर नियंत्रण करने की जरुरत है. इसके लिए महुआ चुनने वालों के लिए जेएसएलपीएस के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जाये. आग को रोकने के लिए पत्तियों को एक तरफ एकत्रित करना है, ताकि आग लगाने से रोक जा सके.
जंगल में आग लगने पर तत्काल सूचित करें : डीसी
डीसी आदित्य रंजन ने कहा कि चाहे वन विभाग हो या पुलिस प्रशासन या प्रखंड स्तर के कर्मी, जंगल में आग लगने के सूचना मिलती है, तो उसे तत्काल बुझाने का कार्य करें, ताकि ससमय आग को बुझाया जा सके. डीसी ने कहा कि जंगल में आग की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करेंगे. महुआ चुनने वालों गांव का चिन्हित करने के लिए सर्वे करने का निर्देश जेएसएलपीएस को दिया गया और उन्हें जागरूक करने की बात कही. डीसी ने अपील करते हुए कहा कि जंगल की सुरक्षा करना हम सभी का दायित्व है, इसलिए महुआ फूल व अन्य उपज इकठ्ठा करने के लिए पेड़ के नीचे या आसपास आग न लगाएं. इसके साथ ही जंगल के रास्ते से गुजर रहे हैं तो बीड़ी, सिगरेट जलते हुए कभी ना फेंके. वनों के निकट के खेतों में भी आग लगाने से बचें. आप लोगों की छोटी सी कोशिश जंगल को नुकसान से बचा सकता है.
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अवैध रूप से शराब बनाने वालों के खिलाफ करें कार्रवाई : डीसी
डीसी श्री रंजन ने कहा कि जंगलों में अवैध रूप से शराब बनाने वालों के खिलाफ वन विभाग, पुलिस प्रशासन व उत्पाद विभाग संयुक्त रूप से छापेमारी करते हुए सख्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे.
भारतीय वन सर्वेक्षण के द्वारा पोर्टल पर करें निबंधन : वन प्रमंडल पदाधिकारी
वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि भारतीय वन सर्वेक्षण के द्वारा पोर्टल का निर्माण किया गया है. आंगनबाड़ी कर्मी, वन समिति के सदस्य, शिक्षक, एएनएम, प्रखंड व पंचायत स्तर के कर्मियों को पोर्टल पर निबंधन कराना है. पोर्टल के माध्मम से जंगल में आग लगने की सूचना सेटेलाइट के माध्यम से मिल जाती है. सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचल अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि http://fsi.nic.in/ लिंक के माध्यम से प्रखंड व पंचायत स्तर के कर्मी, सेविका/सहियका, एएनएम, रोजगार सेवक, कृषि मित्र समेत सभी लोगों का ज्यादा से ज्यादा निबंधन कराएं. इसके अतिरिक्त वन प्रमंडल पदाधिकारी ने दामोदर नदी कायाकल्प को लेकर सभी वनपाल को विभिन्न बिंदुओं पर डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये.
जंगल में आग लगने पर इन नंबरों पर तुरंत करें सूचित
कोडरमा प्रखंड अंतर्गत कोडरमा वन प्रक्षेत्र के लिए रामबाबू कुमार वन क्षेत्र पदाधिकारी मो.न.-8709673559/9430105650, अभिमन्यु कुमार प्रभारी वनपाल मो.न.- 7903258740, चंदवारा प्रखंड अंतर्गत गंझ़डी वन प्रक्षेत्र हेतु रामबाबू कुमार वन क्षेत्र पदाधिकारी मो.न.-8709673559/9430105650, राहुल कुमार प्रभारी वनपाल मो.न.- 8709920396/9122679357, डोमचांच प्रखंड अंतर्गत डोमचांच वन प्रक्षेत्र हेतु रविंद्र कुमार वन क्षेत्र पदाधिकारी मो.नं. 9065352323, ललन किशोर प्रभारी वनपाल मो.नं. 8709240944, मरकच्चो प्रखंड अंतर्गत डोमचांच वन प्रक्षेत्र हेतु रविंद्र कुमार वन क्षेत्र पदाधिकारी मो.नं. 9065352323, ललन किशोर प्रभारी वनपाल मो.नं. 8709240944, जयनगर प्रखंड अंतर्गत डोमचांच वन प्रक्षेत्र हेतु रविंद्र कुमार वन क्षेत्र पदाधिकारी मो.नं. 9065352323, मनोज कुमार मंराडी प्रभारी वनपाल मो.न-7909004544/9955441007, सतगावां प्रखंड अंतर्गत सतगावां वन प्रक्षेत्र हेतु रविंद्र कुमार वन क्षेत्र पदाधिकारी मो.नं. 9065352323, देवनारायण दास प्रभारी वनपाल मो.नं.- 9097158871,9304635162 शामिल है.

बैठक में मुख्य रूप से पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव, वन प्रमंडल पदाधिकारी सूरज कुमार सिंह, उप विकास आयुक्त ऋतुराज, अनुमंडल पदाधिकारी संदीप कुमार मीणा, अपर समाहर्ता अनिल तिर्की, सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, डीपीएम जेएसएलपीएस समेत सभी प्रभारी वनपाल व वनपाल मौजूद रहे.
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