- उत्कृष्ट विद्यालय के बच्चों को अन्य राज्य घुमाएगी सरकार
- राज्य स्तरीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
- हमारे बच्चे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, बस जरूरत है हम उन्हें संसाधनों के साथ जोड़ें: हेमंत सोरेन
- 80 उत्कृष्ट विद्यालय (स्कूल ऑफ एक्सीलेंस) में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सीबीएसई की तर्ज पर मिलेगी क्वालिटी एजुकेशन
- झारखंड के इतिहास में शिक्षा व्यवस्था को लेकर पहली बार हुआ ऐसा आयोजन
में तीन साल में सड़क हादसों में 4291 लोगों की मौत
राज्य गठन के बाद पहली बार शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर हुआ इस तरह का आयोजन
बता दें कि राज्य गठन के बाद पहली बार शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर इस तरह का आयोजन हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य के बच्चे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. बस जरूरत है कि हम उन्हें संसाधनों से जोड़ा जाए. जो बच्चे-बच्चियां पिछड़ापन, गरीबी और संसाधनों के अभाव में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हमारी सरकार मदद करेगी. इस अवसर पर सीएम के प्रधान सचिव वंदना डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, विभागीय सचिव के रवि कुमार, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक चंद्रशेखर, राज्य भर से पहुंचे 80 उत्कृष्ट विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा एवं अन्य लोग उपस्थित थे.पहले चरण में 80 और दूसरे चरण में 4000 से अधिक स्कूलों में लागू होगी व्यवस्था
सीएम ने कहा, हमारी सरकार ने राज्य के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है. पहले चरण में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में सीबीएसई की तर्ज पर पढ़ाई होगी. आने वाले समय में 4,000 से अधिक सरकारी विद्यालयों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में केरल राज्य का उदाहरण पेश किया. इसे भी पढ़ें- सदन">https://lagatar.in/demand-for-respect-and-encouragement-to-vananchal-and-jp-agitators-raised-in-the-house/">सदनमें उठी वनांचल और जेपी आंदोलनकारियों को सम्मान और प्रोत्साहन देने की मांग