Sunil Kumar Pandey
Jamshedpur : कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की शहर में चर्चाएं आम हो गई हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर से लड़ने की तैयारियां भी तेज कर दी हैं. हालांकि युद्धस्तर पर तैयारियों की नौबत नहीं है, क्योंकि तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए जिले में पहले ही तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं. ओमिक्रॉन को लेकर अलग से तैयारी करने की जरूत नहीं है. पूर्व की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है. जिले के सिविल सर्जन डॉ. एके लाल ने बताया कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन का जिले में कोई भी मामला अभी सामने नहीं आया है. लेकिन इसे ही तीसरी लहर से जोड़कर देखा जा रहा है. जिले में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां पूरी हैं. जिले में सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में बेड के साथ-साथ ऑक्सीजन पर्याप्त है. गंभीर परिस्थिति में आईसीयू और सीसीयू बेड भी ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के साथ उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि एमजीएम अस्पताल में लगभग 500 बेड हैं. सदर अस्पताल में 180 ऑक्सीजनयुक्त बेड है, जिसमें 20 बेड बच्चों के लिए सुरक्षित हैं. इसी तरह एमजीएम अस्पताल में 100 बेड की अलग से संरचना खड़ी की गई है, जिसे आपात स्थिति में इस्तेमाल किया जाएगा. दोनों अस्पतालों में पीएम केयर्स से 950 एलपीएम की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट है. वहीं राज्य सरकार की निधि से उतनी ही क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट निर्माणाधीन है. इससे 500 बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकती है.
बूस्टर डोज का नहीं आया है गाइड-लाइन
सिविल सर्जन डॉ. एके लाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अभी टीका का बूस्टर डोज देने का कोई गाइड-लाइन नहीं आया है. अगर सरकार का इस संबंध में निर्देश आता है, तो जरूर बूस्टर डोज लगाया जाएगा. जिले की आधी से अधिक आबादी (13.60 लाख) को कोविडरोधी टीका का पहला डोज लगा दिया गया है. वहीं 7.72 लाख लोगों को दूसरा डोज दिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि जिले में निरंतर टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
टीका का दूसरा डोज लेना अनिवार्य
सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोनारोधी टीका का दूसरा डोज लेना जरूरी है. अगर दूसरा डोज लेने की समय सीमा बीत गई है, तो भी टीका जरूर लेना है. इससे शरीर की इम्युनिटी प्रभावित नहीं होगी और संक्रमण होने का खतरा नहीं रहेगा.
ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए जिनोम सिक्वेंश की जांच जरूरी
कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का पता उसके जिनोम सिक्वेंश की जांच से लगाया जा सकता है. जमशेदपुर में उक्त सिक्वेंश की जांच की सुविधा अभी उपलब्ध नहीं है. इसलिए उक्त सैंपल ओडिशा के भुवनेश्वर भेजा जाएगा. हालांकि इसकी अभी नौबत नहीं आई है. सिविल सर्जन ने कहा कि अगर कोरोना का संक्रमण बढ़ता है, तो जिनोम सिक्वेंश की जांच कराई जाएगी.
प्रखंडस्तरीय चिकित्सकों को दी जा चुकी है ट्रेनिंग
सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए जिले के सभी प्रखंडों में स्थित स्वास्थ्य केन्द्र (सामुदायिक एवं प्राथमिक) के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को संभावित खतरे से निपटने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. ओमीक्रोम को लेकर सभी को सतर्क कर दिया गया है. पूरा स्वास्थ्य विभाग इस नए वेरिएंट से निपटने के लिए तैयार है.
वैक्सीन के लिए जिले में है कॉल सेंटर, चलाया जा रहा है व्यापक अभियान
वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा व्य़ापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए पंचायत स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. वहीं टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार जागरुकता कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. लेकिन अभी भी आधी अधूरी जानकारी के कारण वैक्सीन को लेकर लोगों मे भ्रम है. लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए जिला स्तर पर वैक्सीन सेल भी बनाया गया है. वहां से लोगों की टीकाकरण से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
देश में कहीं भी ले सकते हैं वैक्सीन
वैक्सीन कोषांग के नोडल पदाधिकारी राजीव रंजन ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा टीकाकरण से संबंधित किसी भी समस्या का समाधान के लिए जिला स्तर पर कॉल सेंटर बनाया गया है. कॉल सेंटर के फोन नंबर 7858038654 और 6207628627 पर वैक्सीन से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने बताया कि देश मे कहीं भी वैक्सीन लिया जा सकता है. इसके लिए निबंधित मोबाइल नंबर और आधार कार्ड की आवश्यकता होगी.
कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से ऐसे कर सकते हैं बचाव
1. सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य सेवा इसके लिए तैयार हो और यह केवल कागज पर नहीं हो बल्कि वास्तव में कर्मचारी, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था हो.
2. वैक्सीन की एक खुराक लेने वाले सभी वयस्कों को बूस्टर खुराक मुहैया कराई जाए. इससे कोविड के गंभीर मामलों से बचाव होगा.
3. बंद स्थान में आयोजित कार्यक्रमों या अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वालों के लिए टीका पासपोर्ट की व्यवस्था लागू की जाए, जिनमें प्रार्थना स्थल और सार्वजनिक परिवहन शामिल हो. टीकाकरण कराना या नहीं कराना मौजूदा समय में वैकल्पिक है, लेकिन इस विकल्प का दुष्प्रभाव पड़ता है.
4. टीकाकरण नहीं कराने या एक खुराक लिए लोगों तक पहुंचने का निरंतर प्रयास किया जाना चाहिए. ऐसे में शिविर का आयोजन करना जहां लोग टीका लगवा सकें और लक्षित समूह तक पहुंचने का कार्यक्रम शामिल है.
5. तत्काल 65 साल से अधिक उम्र के सबसे खतरे वाले लोगों और उन लोगों को जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है उनकी सुरक्षा के उपाय किए जाएं.
6. जिम्मेदारी वाले व्यवहार को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि कुछ लोगों की गैरजिम्मेदारी की वजह से लोगों को दिक्कत नहीं हो.
7. क्षेत्रीय स्तर पर अस्पतालों के बिस्तरों की निगरानी की जाए, ताकि किसी एक केंद्र पर अधिक दबाव नहीं हो. स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ने की आशंका होने पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने की जरूरत है.
8. वायरस के साथ रहने की कला सीखें.