Ranchi : झारखंड में स्टार्टअप का गिव अप हो गया है. स्टार्टअप के रजिस्ट्रेशन के लिए दिये गये 500 से ज्यादा आवेदन लटके हुए हैं. नई स्टार्टअप पॉलिसी अगले साल मार्च तक आने की उम्मीद है. जबतक नई पॉलिसी नहीं आती तबतक स्टार्टअप के आइडिया फाइलों में ही बंद रहेंगे. झारखंड में स्टार्टअप पॉलिसी रघुवर सरकार के समय साल 2016 में बना था. पांच साल के लिए बना यह पॉलिसी मार्च 2021 में लैप्स कर गया. हालांकि पॉलिसी लैप्स करने के पहले भी राज्य में स्टार्टअप को बहुत ज्यादा बढ़ावा नहीं मिला. 5 साल में सिर्फ 49 उद्यमियों को ही सेलेक्ट किया गया है.
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2019 में IIM अहमदाबाद के साथ खत्म हो गया था एग्रीमेंट
IIM अहमदाबाद राज्य में स्टार्टअप पॉलिसी का मेंटर था. जो आईटी विभाग के अंतर्गत स्टार्ट अप पर काम कर रही थी. IIM अहमदाबाद से तीन साल के लिए एग्रीमेंट किया गया था. 26 दिसंबर 2019 को आईआईएम अहमदाबाद का एग्रीमेंट खत्म हो गया. तब से पॉलिसी पर काम ही नहीं किया गया. इस बीच सिंतबर 2019 में ही सरकार की ओर से 17 उद्यमियों को सीड फंड उपलब्ध कराया गया. जो पांच से लेकर 12 लाख रुपए तक का रहा. वहीं, कुछ उद्यमियों को स्टाइपेंड के रूप में आठ से दस हजार रुपये भी दिये गये, लेकिन पिछले एक साल से पॉलिसी लैप्स करने की वजह से काम ठप है.
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2019 के बाद नहीं हुई SEB की बैठक
स्टार्टअप आवेदन मिलने के बाद स्टेट इवैल्यूशन बोर्ड उद्यमियों का चयन करता है. SEB बैठक करके व्यवसायियों के आइडिया के आधार पर उनका चयन करता है. पॉलिसी लागू होने के दो साल बाद पहली बार 2018 में बोर्ड की बैठक हुई थी, जबकि पॉलिसी में नियम है कि प्रत्येक चार माह में एसईबी की बैठक की जानी है. 2019 के बाद SEB की बैठक ही नहीं हुई.
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107 का रजिस्ट्रेशन, लाभ मिला सिर्फ 17 को
स्टार्टअप पॉलिसी के तहत राज्य के 107 युवा उद्यमियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, लेकिन पॉलिसी का लाभ अबतक मात्र 17 को ही मिल पाया है. वहीं स्टार्ट पॉलिसी में चयनित होने वाले युवाओं को फर्स्ट फेज में इन्नोवेशन लैब में बेहतर आइडिया इनोवेशन के लिये 8 से 10 हजार रुपये दिये जाते हैं. 2019 के बाद से उद्यमियों को मिलने वाला यह फंड भी बंद है. अबतक सिर्फ 22 उद्यमियों को इस फंड का लाभ मिला है.
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