New Delhi: दिल्ली में शुक्रवार से अगले आदेश तक स्कूलों को फिर से बंद कर दिया गया है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने वहां फैसे प्रदूषण की समस्या को देखते हुए ये फैसला लिया है. बता दें कि गुरूवार को दिल्ली वायु गुणवत्ता के श्रेणी बहुत खराब दर्ज किया गया. हालांकि पहले से ही दिल्ली सहित नोएडा में बढ़े प्रदूषण से लोग परेशान हैं. दिल्ली-NCR के कुछ इलाकों में तो प्रदूषण लेवल600 से पार कर गया है.
इससे पहले गुरूवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को प्रदूषण मामले पर फिर से फटकार लगायी थी. कोर्ट ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार से पूछा था कि दिल्ली में फैले प्रदूषण के बीच स्कूल क्यों खोले गए? यहां बता दें कि गुरूवार को दिल्ली वायु गुणवत्ता के श्रेणी बहुत खराब रही थी. प्रदूषण मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने दिल्ली में युवाओं के प्रदर्शन को लेकर भी सरकार को फटकारा. दरअसल कुछ युवा सड़क किनारे रेड लाइट के पास खड़े थे, और लोगों को ट्रैफिक में रेड लाइट जलने पर गाड़ी बंद रखने का संदेश दे रहे थे. इस काम में सभी युवा दिल्ली सरकार की ओर से लगाये गये थे. साथ ही युवाओं ने हाथों में अरविंद केजरीवाल की फोटो वाली पोस्टर भी ली थी.
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पोस्टर लेकर युवा बीच सकड़ों पर क्यें खड़े थे – कोर्ट
सुनवाई के दौरान सीजेआई एनवी रमन्ना ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि , आपने वर्क फ्रॉम होम लागू किया और स्कूल भी बंद करने की भी बात कर रहे हैं, लेकिन ऐसा दिख नहीं रहा है. इससे आगे कोर्ट ने कहा कि, आप( दिल्ली सरकार) हर दिन हलफनामा पेश कर रहे हैं, रिपोर्ट के अलावा कमेटी रिपोर्ट भी दे रहे हैं. लेकिन ग्राउंड पर क्या किया जा रहा है. साथ ही सरकार से बेंच ने सवाल किया कि, आपने जो टास्क फोर्ट बनाई थी, उसका क्या हुआ. पूछा कि, टास्क फोर्स में दिल्ली सरकार के कितने और केंद्र के कितने लोग हैं.
दिल्ली सरकार से कोर्ट ने कहा कि, आप बताएं कि युवाओं को बीच सड़कों पर पोस्टर के साथ क्यों खड़ा किया गया. उनके स्वास्थ्य के बारे में भी रिसी को सोचना चाहिए था, क्या युवा वहां आपके प्रचार के लिए खड़े थे.
कोर्ट में दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित अभिषेक सिंघवी ने कहा था कि, वे(युवा) सिविल डिफेंस वॉलंटियर थे. साथ ही कहा कि यदि आप कहें तो उन युवाओं को इक्विपमेंट देंगे.
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