LagatarDesk : फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन का त्यौहार मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस बार होलिका दहन 17 मार्च 2022 को पड़ रहा है. इस बार होलिका दहन पर भद्रा साया है. इसलिए इस बार होलिका दहन मध्य रात्रि में मनायी जायेगी. होलिका दहन गुरुवार यानी 17 मार्च को किया जायेगा. पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 1:30 मिनट से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12:47 मिनट तक होगा.
होलिका दहन में भूलकर भी न करें ये गलतियां
होलिका दहन का त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को हिरण्यकश्यप ने होलिका की गोद में बैठाकर जिंदा जलाने की कोशिश की थी. लेकिन प्रहलाद बच गया था और होलिका जलकर खत्म हो गयी थी. ऐसे में होलिका दहन पर कुछ चीजों का खास ख्याल जरूरी होता है. इस दिन भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
नवविवाहित महिलाओं को नहीं देखना चाहिए होलिका जलते
होलिका दहन की अग्नि को जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है. इसलिए नवविवाहित महिलाओं को होलिका जलते हुए नहीं देखनी चाहिए. ऐसी मान्यात है कि नवविवाहित अगर होलिका जलते देखती है तो उसके वैवाहिक जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
किसी को उधार देने से घर में नहीं होती बरकत
होलिका दहन के दिन किसी को पैसा उधार नहीं देना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से घर में बरकत नहीं होती है. ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं भी बढ़ती हैं. इस दिन उधार लेने से भी बचना चाहिए.
इकलौती संतान को नहीं जलानी चाहिए होलिका की अग्नि
माता-पिता की इकलौती संतान को होलिका दहन की अग्नि को प्रज्जवलित करने से बचना चाहिए. यह अशुभ माना जाता है. एक भाई और एक बहन होने पर होलिका की अग्नि को प्रज्जवलित किया जा सकता है.
पीपल, बरगद और आम की लकड़ी ना जलाये
होलिका दहन के लिए पीपल, बरगद या आम की लकड़ियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. यह पेड़ दैवीय और पूजनीय पेड़ हैं. इस मौसम में इन वृक्षों पर नई कोपलें आती हैं. ऐसे में इन्हें जलाने से नकारात्मकता फैलती है. होलिका दहन के लिए गूलर या अरंड के पेड़ की लकड़ी या उपलों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
होलिका के दिन मां का जरूर लें आशीर्वाद
होलिका दहन के दिन मां से जरूर आशीर्वाद लेना चाहिए. उन्हें कोई गिफ्ट भी देना चाहिए. ऐसा करने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं. ऐसा करने से भगवान की कृपा आप पर बनी रहती है. इस दिन भूलकर भी किसी महिला का अपमान नहीं करना चाहिए.
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