- टेली काउंसलिंग हेल्पलाइन पर बड़ी संख्या में आ रहे ऐसे मामले
- आई 449 शिकायतें, महिला हिंसा के निकले 14 मामले
Ranchi: एक तरफ कोरोना को लेकर चारों तरफ भय का माहौल हैं वहीं लॉकडाउन के दौरान राज्य में घरेलू हिंसा और मानव तस्करी के मामले बढ़ गए हैं. इसी को देखते हुए 26 अप्रैल को महिला-बाल कल्याण विभाग प्रदत्त एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र, राज्य संसाधन केंद्र और बाल विकास संघ के द्वारा महिला हिंसा, मानव तस्करी, बालश्रम, बाल हिंसा की रोकथाम के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया था.
राज्य संसाधन केंद्र रांची द्वारा संचालित हेल्पलाइन और एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र के हेल्पलाइन नंबर पर लगातार लोग कॉल कर मदद मांग रहे हैं. पहले जहां दिन भर में 5-10 कॉल आते थे. वहीं लॉकडाउन के दौरान प्रतिदिन 10-20 कॉल आ रहे हैं. अभी तक एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र के हेल्पलाइन नंबर 10582 पर कुल 4892 कॉल प्राप्त हुए. इसमें से लॉकडाउन के दौरान 35 प्रतिशत कॉल आए.
वहीं राज्य संसाधन केंद्र के हेल्पलाइन 1800-34-57-0-55 पर 4500 कॉल प्राप्त हुए. उसमें से 60 प्रतिशत कॉल लॉकडाउन के समय विभिन्न कार्यों में सहयोग के लिए प्राप्त हुए हैं. जैसे- राशन की आपूर्ति, महिला हिंसा से पीड़ित, कोरोना संक्रमित है बेड नहीं मिल रही है, बच्चों के साथ शोषण से संबंधित कॉल प्राप्त हुए.
खास कर स्कूलों में पढ़ाई करने वाली बालिकाएं इस लॉकडाउन से परेशान हैं, उनका कहना है की घर पर रहकर परेशान हो चुके हैं. हमसे कोई बात नहीं करता जिससे हम लोग मानसिक रूप से परेशान हैं. उन बालिकाओं को परामर्श दिया जा रहा हैं, ताकि वे मानसिक रूप से सुरक्षित रह सकें.
अभी तक संवेदना टेली काउंसलिंग हेल्पलाइन नंबर पर कुल 449 कॉल प्राप्त हुए हैं जिसमें 14 महिला हिंसा से संबंधित, 127 कोरोना से पीड़ित परिवारों के इलाज से सम्बंधित, 233 बच्चों के स्कूल-कॉलेज बंद होने के कारण मानसिक रूप से दबाव के मामले, 9 ऑक्सीजन के बारे में जानकारी, 15 कोरोना होने पर क्या घरेलू उपचार है इससे संबधित जानकारी के लिए और 51 टेस्ट कॉल प्राप्त हुए हैं.
टेली काउंसलिंग के परामर्शियों ने बताया की बहुत ज्यादा कॉल आते हैं. लोग राशन के लिए भी कॉल करते हैं, कई लोग परेशान भी करते हैं. कोरोना के कारण केस में बढ़ोतरी दिनों दिन बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में काफी डर बना हुआ है. ग्रामीण डर के कारण कोरोना वैक्सीन भी लेने से इनकार कर रहे हैं. साथ ही जो बच्चे दिल्ली जैसे महानगरों में फंसे हैं. उन बच्चों को वापस लाने की गुहार परिवार के लोग लगा रहे हैं.
बाल कल्याण संघ के सचिव संजय कुमार मिश्र ने बताया की कोरोना महामारी में बहुत घरों में महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा भी होता है. साथ ही कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के बाद बच्चों की तस्करी बढ़ने की संभावना को ध्यान में रखते हुए हम टेली काउंसलिंग के माध्यम से परामर्श देने का कार्य किया जा रहा है. संवेदना कार्यक्रम के माध्यम से कोविड से प्रभावित परिवार और बच्चों को मानसिक रूप से मजबूती प्रदान किया जा सके इसके लिए कार्य कर रहे हैं.