Ranchi : रांची की निवासी डॉ अर्चना शर्मा ने 29 मार्च को राजस्थान के दौसा के लालसोट में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. उनकी खुदकुशी के मामले ने तूल पकड़ लिया है. गुरुवार को आइएमए, जेडीए और तमाम चिकित्सा संगठनों ने रिम्स में आक्रोश मार्च निकाला था. शनिवार को चिकित्सकों के संगठन ने 12 घंटे के कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है. चिकित्सक सुबह 7.00 बजे से शाम के 7.00 बजे तक कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. हालांकि इस दौरान इमरजेंसी सेवा को जारी रखा गया है.
सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक डॉक्टर नहीं करेंगे काम
आईएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने बताया है कि डॉ अर्चना को राजस्थान की पुलिस ने मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है. जिस वजह से उन्होंने खुदकुशी की. उनके परिवार को न्याय और दोषियों को सजा दिलाने की मांग को लेकर हम सभी चिकित्सा संगठनों ने शनिवार को 12 घंटे के लिए कार्य बहिष्कार किया है. उन्होंने कहा कि सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक आकस्मिक सेवा को छोड़कर सभी सरकारी अस्पताल, क्लीनिक और नर्सिंग होम के डॉक्टर काम नहीं करेंगे.
आईएमए के प्रेसिडेंट डॉ एके सिंह, सचिव डॉ प्रदीप सिंह, झासा के प्रेसिडेंट डॉ मार्शल आईनंद, झासा के सचिव डॉ विमलेश सिंह, वाइस प्रेसिडेंट, हेड क्वार्टर आईएमए डॉ आरएस दास, कोषाध्यक्ष डॉ बीपी कश्यप आदि ने कार्य बहिष्कार आंदोलन का समर्थन किया है.
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