Ranchi : इंडियन सोसायटी ऑफ टॉक्सिकोलॉजी ने रिम्स के डॉ भूपेंद्र सिंह को फॉरेंसिक टॉक्सिकोलॉजी (विष विज्ञान) में विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया है. डॉ भूपेन्द्र सिंह रिम्स विष विज्ञान के प्राध्यापक और विष विज्ञान केंद्र के प्रभारी हैं. ये सम्मान पाने वाले वे भारत के एकमात्र विष विज्ञानी हैं. डॉ भूपेन्द्र सिंह ने इस बारे में कहा कि सोसायटी की स्थापना जून 2004 में अमृता आयुर्विज्ञान संस्थान, एरनाकुलम में हुई थी. डॉ. वीवी पिल्लई सोसायटी के प्रध्यापक व विभागाध्यक्ष फॉरेंसिक मेडिसिन,टॉक्सिकोलॉजी व जहर नियंत्रण केंद्र, अमृता आयुर्विज्ञान संस्थान, एरनाकुलम प्रथम संस्थापक अध्यक्ष बने.
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दुनियाभर के लोग जहर से हो रहे हैं प्रभावित
वर्तमान मेंइंडियन सोसायटी ऑफ टॉक्सिकोलॉजी दुनिया की सबसे बड़ी विष विज्ञान सोसायटी में से एक है. जिसमें संपूर्ण भारत और विदेशों से विष विशेषज्ञ जुड़े हुए हैं. दुनियाभर में बड़ी संख्या में आबादी विभिन्न प्रकार के जहरों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो रही है. इससे लाखों लोगों की अकारण मौत हो जाती है. यह सोसायटी विभिन्न प्रकार की जहरखोरी, सर्पदंश के इलाज से संबंधित गतिविधियों को नियंत्रित करती है. इस महत्वपूर्ण विशेषता को विकसित करने का उद्देश्य स्पष्ट है. विष विज्ञान पर शोध करने वाले छात्रों को एक मंच पर लाने की भी योजना है. सेवा करने के लिए अपने विचारों को साझा करने और प्रासंगिक जानकारी का आदान-प्रदान करने के साथ चिकित्सा पद्धतियों में बदलाव और बेहतर व्यवस्था बनाने की दिशा में सोसायटी कार्य करती है.
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