Ranchi : रिम्स के फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग के सेकंड ईयर के छात्र डॉ मदन कुमार एम की संदेहास्पद मौत मामले में रिम्स निदेशक ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. डॉ आरके गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, अपर मुख्य सचिव और एसएसपी को जांच के लिए पत्राचार किया गया है. कहा कि रिम्स ने एक होनहार-मेधावी छात्र को खो दिया है. हृदयविदारक घटना हुई है.
भगवान से प्रार्थना करता हूं उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति दे. इस घटना की पुनरावृत्ति न हो इस पर काम किया जा रहा है. डीन स्टूडेंट् डॉ विद्यापति ने कहा कि डॉ मदन के आकस्मिक निधन से परिवार और रिम्स को अपूरणीय क्षति हुई है
निदेशक कार्यालय पहुंचे परिजन, दर्ज करायी एफआईआर
डॉ मदन कुमार एम के पिता माथियालगन तमिलनाडु से अपने परिवार के साथ रांची पहुंचे. उन्हें एयरपोर्ट से लेने के लिए राजभवन से गाड़ी पहुंची थी. राजभवन की गाड़ी से उनके परिजनों को रिम्स लाया गया. रिम्स के एकेडमिक बिल्डिंग में शोक सभा का आयोजन किया गया. रिम्स निदेशक डॉ आरके गुप्ता को देख माथियालगन फफक पड़े. लोगों ने उन्हें संभाल कर ढाढ़स बंधाया. इसके बाद परिजन निदेशक के कार्यालय पहुंचे और सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार के समक्ष एफआईआर दर्ज करायी.
धारा 302 के तहत दर्ज की गयी है एफआईआर: प्रभात रंजन
सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार ने कहा कि घटना को लेकर हर एक बिंदुओं पर जांच की जा रही है. प्रशासन के द्वारा परिजनों को आश्वस्त किया गया है की घटना के बाद से ही जांच जारी है. धारा 302 आईपीसी के तहत बरियातू थाना में केस दर्ज किया गया है और आगे का अनुसंधान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से हॉस्टल परिसर को सीसीटीवी कैमरे से लैस करने का निर्देश दिया गया है.
पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे मेडिकल स्टूडेंट्स
घटना के बाद से ही रिम्स के मेडिकल स्टूडेंट्स शोक में डूबे हुए हैं. डॉ मदन कुमार एम का पोस्टमार्टम रिम्स में किया गया. इस दौरान उनके साथ पढ़ने वाले छात्र पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद रहे. बता दें कि मजिस्ट्रेट की निगरानी में पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गयी. पोस्टमार्टम हाउस में शव को रखकर मेडिकल स्टूडेंट ने श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उनका शव परिजनों को सौंपा गया।
13 महीने से रिम्स में कर रहे थे पढ़ाई
डॉ मदन कुमार एम तमिलनाडु के नम्मकल के रहने वाले थे. 6 अक्टूबर 2022 को रिम्स में उनका नामांकन हुआ था. 13 महीने रिम्स में पढ़ाई कर चुके थे. एफएमटी के विभागाध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने कहा कि मदन पढ़ने में मेधावी छात्र थे. एक अच्छे गायक भी थे. सितंबर में मदन की मां गंभीर रूप से बीमार थी. वो मेरे पास आए और रोने लगे. मैंने उन्हें ढांढस बंधाया और उन्हें छुट्टी दी थी. उनके इस तरह से चले जाने का मलाल ज्यादा है.
रिम्स हॉस्टल नंबर 5 के पीछे जला हुआ शव मिला था
बता दें कि रिम्स हॉस्टल नंबर 5 के पीछे से गुरुवार को उनका जला हुआ शव मिला था. जूनियर डॉक्टरों ने उनकी मौत को आत्महत्या मानने से इंकार किया है. जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) ने मेडिकल छात्र की आशंका जाहिर की है. उन्होंने प्रबंधन से इस मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. छात्रों ने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि कोई हत्या नहीं हुई है, तो जिस क्षेत्र में शव मिला है, उसके आसपास कोई ज्वलनशील पदार्थ या कोई कंटेनर क्यों नहीं मिला. साथ ही लाइटर या माचिस की तीली क्यों नहीं मिली. जूनियर डॉक्टर संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर जयदीप चौधरी ने कहा कि वह एफएमटी विभाग का चिकित्सक था. ऐसे में आत्महत्या के लिए इतना हिंसक तरीका कैसे अपना सकता था.