Girish Malviya
ना, इन दो खबरों की हेडिंग को देखकर आप समझ ही गए होंगे कि हकीकत क्या है और फसाना क्या सुनाया जा रहा था. फोर्ड मोटर्स कंपनी ऑटोमोबाइल के क्षेत्र मंर दुनिया की जानी मानी कंपनी है. कल उसने अपना कामकाज भारत से समेटने की घोषणा कर दी है.
मोदी जी के पहले कार्यकाल में 2017 में दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी जनरल मोटर्स ने भारत में अपना कामकाज बंद किया था. दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में हार्ले डेविडसन भी चली गयी और अब फोर्ड मोटर्स ने भी अपना कामकाज बंद कर दिया.
आपको याद होगा कि कोरोना काल के शुरुआती दौर में जब चीन से बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपना कामकाज समेटने का फैसला किया था. तब उनमें से 1000 कंपनियों को भारत लाने की बात मोदी सरकार ने की थी (दूसरी खबर देखिए) लेकिन एक भी बड़ी कंपनी ने भारत में अपने प्लांट लगाने की घोषणा नहीं की.
पिछले साल चीन से निकल कर 16 जापानी कंपनियों ने बांग्लादेश में अपनी इंडस्ट्री लगाई है. ढाका से 30 किलोमीटर की दूरी पर होंडा कंपनी ने भी एक नया प्लांट लगाया. लेकिन भारत में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के बड़े-बड़े दावे करने वाली मोदी सरकार एक भी बड़ी कंपनी को यहां लाने में सफल नहीं हो पाई.
और अब पता चल रहा है कि 22 हजार लोगों को रोजगार देने वाली फोर्ड भी भारत में अपना कारोबार बंद कर रही है. शीर्ष पद पर बैठे लोगों ने अर्थव्यवस्था को बिल्कुल बर्बाद कर दिया है. यह बात अब आपको समझ में आ गयी होगी!
डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं.