Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को झारखंड सरकार से जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने को कहा. ईडी ने मनरेगा घोटाले में उनकी 82.77 करोड़ रुपए की संपत्ति की कुर्की के संबंध में राज्य सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट में कही है. ईडी ने सरकार से कहा है कि वह पूजा सिंघल से उनकी संपत्ति के स्रोत बताने को कहें. ईडी ने कहा है कि राज्य सरकार के लिए उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करना उचित होगा. ईडी ने मई में तत्कालीन खनन सचिव पूजा सिंघल को 500 करोड़ रुपये का घोटाला करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. खूंटी जिले में मनरेगा योजना के क्रियान्वयन में 18.06 करोड़ रु. के घोटाला की बात सामने आई थी. 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 के दौरान वह डीसी के रूप में खूंटी में पदस्थापित थीं और वह विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए धन स्वीकृत्त करने वाली प्रमुख प्राधिकारी थीं.
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कुर्क संपत्ति के संबंध में सरकार को भेजी गई है एक रिपोर्ट
नियम के अनुसार आईएएस अधिकारी की कुर्क संपत्ति के संबंध में एक रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है. मामला मनरेगा घोटाले से जुड़ा है. चूंकि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है इसलिए एजेंसी ने राज्य सरकार से उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है. हाल के दिनों में यह दूसरी ऐसी रिपोर्ट है, जो ईडी ने पूजा सिंघल के किसी घोटाले में शामिल होने के संबंध में राज्य सरकार को सौंपी है. इससे पहले ईडी ने 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन घोटाले में उनकी संलिप्तता से संबंधित एक रिपोर्ट सौंपी थी. इस मामले में भी ईडी ने राज्य सरकार से उन पर और कुछ अन्य जिला खनन अधिकारियों पर मुकदमा चलाने को कहा था. ऐसे संकेत हैं कि अगर राज्य सरकार आईएएस के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में देरी करती है या इनकार करती है तो एजेंसी उपयुक्त निर्देश के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी. ईडी ने अस्थायी रूप से रुपये की अचल संपत्तियों को संलग्न किया. इसमें एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल नामतः ”पल्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल”, एक डायग्नोस्टिक सेंटर नामतः ”पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिनिंग सेंटर” और रांची में स्थित दो लैंड शामिल है.
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