NewDelhi : द एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने आज शुक्रवार को कहा कि वह मेटा के बारे में समाचार पोर्टल द वायर द्वारा प्रकाशित खबरों के संबंध में हाल-फिलहाल में हुए घटनाक्रमों को लेकर परेशान है. इस क्रम में एडिटर्स गिल्ड ने मीडिया संस्थानों से संवेदनशील खबरों पर तेजी से आगे बढ़ने के लालच से बचने का आग्रह भी किया.
खबरों के अनुसार एडिटर्स गिल्ड का यह बयान द वायर द्वारा प्रकाशित उन खबरों को वापस लिये जाने के मद्देनजर आया है, जिनमें दावा किया गया था कि मेटा ने भारतीय जनता पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय को कुछ विशेषाधिकार दिये हैं और इन विशेषाधिकारों की मदद से वह व्हॉट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम से कोई भी पोस्ट हटाने में सक्षम हैं.
द वायर ने खबर की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये जाने के बाद उसे वापस ले लिया
जान लें कि मेटा व्हॉट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों का मलिकाना हक रखने वाली कंपनी है. बयान में एडिटर्स गिल्ड ने द वायर’ द्वारा टेक फोग नाम के एक ऐप के संबंध में अतीत में प्रकाशित खबरों को वापस लिये जाने के संदर्भ में की गयी अपनी पिछली टिप्पणियों का भी जिक्र किया है. द वायर ने संबंधित खबरों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये जाने के बाद उन्हें वापस ले लिया था. एडिटर्स गिल्ड ने आज सुबह जारी बयान में कहा, एडिटर्स गिल्ड मेटा पर द वायर द्वारा प्रकाशित खबरों के संबंध में हाल-फिलहाल में हुए घटनाक्रमों से भी परेशान है.
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एडिटर्स गिल्ड खोजी पत्रकारिता में अतिरिक्त सावधानी बरते जाने के प्रति जागरूक है
एडिटर्स गिल्ड खोजी पत्रकारिता में अतिरिक्त सावधानी बरते जाने की आवश्यकता के प्रति जागरूक है और इस पर काफी जोर देता है. बयान में कहा गया कि एडिटर्स गिल्ड मीडिया संस्थानों से संवेदनशील खबरों पर तेजी से आगे बढ़ने के लालच से बचने का आग्रह करता है, जो पत्रकारिता के मानदंडों को दरकिनार करने का नतीजा है. मालूम हो कि भाजपा के अमित मालवीय ने गुरुवार को द वायर पर उनकी छवि को धूमिल करने के इरादे से फर्जी दस्तावेजों पर आधारित खबरें प्रकाशित करने का आरोप लगाया था. साथ ही मालवीय ने द वायर के खिलाफ आपराधिक और दीवानी मुकदमा दर्ज कराने की बात भी कही थी.