Tarun Kumar Choubey
Ranchi : शिक्षा विभाग के सामने इंस्पायर अवार्ड सत्र 2022-23 में चयनित छात्रों का संपूर्ण डाटा उपलब्ध कराने की चुनौती है. चयनित छात्रों द्वारा बनाये गये प्रोटोटाइप, फोटो, वीडियो और मॉडल का विवरण 11 नवंबर तक इंस्पायर ऐप पर उपलब्ध कराना था. लेकिन, चयनित 1657 छात्रों में से 355 का डेटा ऐप में इनपुट नहीं किया जा सका है. इंस्पायर अवार्ड परियोजना की टीम के अनुसार, अबतक सिर्फ 1400 छात्रों का ही डेटा प्राप्त किया गया है. नतीजतन, जिन छात्रों ने ऐप पर अपने प्रोजेक्ट जमा नहीं किये हैं, उन्हें प्रतियोगिता में भाग लेने से बाहर होने का सामना करना पड़ सकता है.
पूरा डेटा नहीं है उपलब्ध
राजधानी रांची के स्कूलों को इंस्पायर ऐप पर डेटा उपलब्ध कराने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. चालू सत्र में जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिए रांची से 201 प्रोजेक्ट नामित किये गये थे. इनमें 129 प्रोजेक्ट की जानकारी तो स्कूलों ने उपलब्ध करा दी, लेकिन शेष 72 प्रोजेक्ट की जानकारी नहीं दी जा सकी है. इस मामले में पलामू जिला दूसरे स्थान पर है, यहां 185 मॉडल चयनित किये गये, जिनमें 45 डाटा इंट्री नहीं की गयी है. इसी तरह पश्चिमी सिंहभूम से चयनित 64 परियोजनाओं में से 25 की जानकारी नहीं दी जा सकी है. इस अवार्ड के लिए धनराशि दिसंबर में वितरित की जानी है. जूरी द्वारा बनाये गये मॉडल को चुनना है. एक बार जब जूरी चुन लेती है, तो छात्रों को प्रत्येक मॉडल बनाने के लिए 10,000 रुपये मिलते हैं.
तय समय में प्रोजेक्ट पूरा करने में हो रही है दिक्कत -अपर्णा तिवारी
इंस्पायर अवार्ड की नोडल अधिकारी अपर्णा तिवारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण 2021-22 के लिए राष्ट्रीय प्रतियोगिता निर्धारित समय पर आयोजित नहीं की जा सकी थी. जिससे 2022-23 सत्र के लिए कार्यक्रम के आयोजन में देरी हुई थी. सभी स्कूलों को अक्टूबर तक छात्रों की मॉडल जानकारी ऐप पर जमा करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन समय सीमा को पूरा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है.
रजिस्ट्रड करवाकर प्रोजेक्ट समिट नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई
अपर्णा तिवारी ने आगे बताया कि भारत सरकार ने छात्रों में रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए इंस्पायर अवार्ड शुरू किया है. हमने 23 नवंबर को पोर्टल को फिर से खोल दिया था. वर्तमान में हम उन छात्रों की सूची तैयार कर रहे हैं, जिन्होंने अपना प्रोजेक्ट अभी तक जमा नहीं किया हैं. रजिस्ट्रड करवाकर प्रोजेक्ट समिट नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. बता दें कि डेटा जमा करने की समय सीमा तीन बार बढ़ा दी गयी थी.
लक्ष्य से कम पंजीकरण
2022-23 सत्र में इंस्पायर अवॉर्ड मानक के तहत झारखंड देश भर में छठे स्थान पर है. इस वर्ष झारखंड से कुल 40,833 छात्रों ने अपने विचारों को नामांकित किया है. छठा स्थान हासिल करने के बावजूद, झारखंड निर्धारित लक्ष्य से पीछे है, क्योंकि शिक्षा विभाग ने 2022-23 सत्र में 45,000 पंजीकरण का लक्ष्य रखा था.
राज्य के दो आइडिया पेटेंट
इंस्पायर अवॉर्ड प्रतियोगिता जिला से होकर राज्य स्तर पर आयोजित की जाती है. राज्य स्तर पर चयनित मॉडल को राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए भेजा जाता है. इसके बाद शीर्ष 60 मॉडल को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से पेटेंट कराया जाता है. 2018-19 सत्र में पहली बार लोहरदगा जिला के सरकारी स्कूल की किरण कुमारी का मॉडल पेटेंट कराया गया था. किरण ने ब्रिज अलार्म बनाया था, जिससे पुल-पुलिया के ऊपर से पानी बहने की स्थिति में अलार्म बजेगा और फिर कोई गाड़ी दुर्घटना का शिकार होने से बच जायेगी.