Tarun Kumar Choubey
Ranchi : राजधानी में बहुमंजिली भवन बनाने का प्रचलन राज्य गठन के समय से बढ़ा गया है. समय के साथ अपार्टमेंट कल्चर और कॉमर्शियल बिल्डिंग मिडिल और अपर क्लास की पहली पसंद बन गयी. लेकिन मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में जीवन सिमटने के साथ असुरक्षित भी हो गया. पहले आरआरडीए और अब नगर निगम भवन का नक्शा पास करता है. नक्शा में सब कुछ नियम और कानून के तहत होता है, लेकिन बिल्डिंग वैसा ही बनता है जैसा बिल्डर चाहते हैं. रांची में पिछले 3 सालों में नगर निगम ने 2451 नक्शा पास किया है. लेकिन ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के लिए नगर निगम को 2016 से अभी तक महज 173 ही आवेदन आये हैं. जिसमें से 128 आवेदन पास हो चुके हैं. वहीं 38 आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया गया है. जबकि 5 आवेदन अभी भी प्रोसेस में हैं.
निगम के अधिकारियों के पास नक्शा जांच करने का भी वक्त नहीं
ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट देने में नगर निगम की ही लापरवाही नजर आती है. एक और बेधड़क राजधानी में निर्माण कार्य हो रहे हैं. हर दिन बहुमंजिली इमारतें राजधानी में खड़ी हो रही हैं. कई के पास नक्शा भी नहीं है. लेकिन निगम के अधिकारियों के पास नक्शा जांच करने का भी वक्त नहीं है. ऐसे में अब ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जांच करने का टास्क निगम के पदाधिकारियों को दे दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, नगर निगम द्वारा जितने भी भवनों का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी किया गया है, इसमें एक भी भवन प्राइवेट नहीं है.
नियम में हुआ बदलाव
रांची में अब तक बहुमंजिली इमारतों के लिए ही ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट की जरुरत पड़ती थी. लेकिन अब दो और तीन मंजिला भवन भी हैं तो आपको ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट लेना होगा. इस संबंध में नगर आयुक्त अमित कुमार ने आदेश जारी किया है. दरअसल, जिन लोगों ने तीन साल पहले अपना दो या तीन मंजिला पक्का मकान बनाया है, उन्हें नगर निगम द्वारा जारी ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट लेना अब अनिवार्य कर दिया गया है. अगर सर्टिफिकेट नहीं होगा तो उन पर जुर्माना भी लग सकता है.
आरएमसी जारी करेगा सर्टिफिकेट
ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नगर निगम की ओर से जारी किया जायेगा. इसके लिए भवन के नक्शे की जांच की जायेगी. इस संबंध में नगर निगम के प्रशासक अमित कुमार ने टाउन प्लानर को निर्देश दिये हैं, जिनमें भवनों के स्वीकृत किये गये नक्शों की भी जांच करने को कहा गया है. जिन भवनों का नक्शा स्वीकृत हुआ है, उनका कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेकर ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी किया जायेगा. ताकि पता चले कि जिन शर्तों के साथ नक्शे को स्वीकृति दी गयी है, उसका पालन करते हुए निर्माण किया गया है या नहीं. स्वीकृत नक्शे के अनुरूप निर्माण नहीं होने पर ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जायेगा.
सर्टिफिकेट नहीं तो लगेगा जुर्माना
अब तक सिर्फ बहुमंजिला इमारतों को ही ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत पड़ती थी, लेकिन अब दो या तीन मंजिला इमारतों को भी ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा. प्रशासक अमित कुमार ने बताया कि सभी लाइसेंस टेक्निकल पर्सन को सूचना दे दी गयी है. जिसमें तीन साल पहले स्वीकृत नक्शे का कंप्लीशन सर्टिफिकेट जमा कराकर ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने को कहा गया है. नगर आयुक्त की मानें तो ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट अनिवार्य करने के पीछे का उद्देश्य अवैध निर्माण को रोकना है. ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट होने से आसानी से अवैध निर्माण की पहचान हो सकेगी और संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जा सकेगी. अगर समय पर ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं लिया गया तो बहुमंजिला भवनों को सील भी किया जा सकता है.
क्या कहता है नियम
- – जी प्लस 4 से ऊपर के भवन के लिए कम से कम 30 फीट चौड़ी सड़क होनी चाहिए.
- – अपार्टमेंटों में आगजनी की घटना से निपटने के लिए बिल्डिंग के चारो तरफ 15 फुट चौड़ा सेटबैक छोड़ना जरूरी है, ताकि अग्निशमन वाहन घूम सके.
- – बिल्डिंग में दो तरफ सीढ़ी होना चाहिए, ताकि आग लगने या आपात स्थिति स्थिति में एक से निकला जा सके.
- – अपार्टमेंट में अंडरग्राउंड और ओवरहेड वाटर टैंक अनिवार्य रूप से होना जरुरी है. ताकि आग लगने पर पानी से बुझाया जा सके.
- – अपार्टमेंट के सभी फ्लैट, कॉमर्शियल बिल्डिंग के सभी दुकानों में फायर अलार्म अनिवार्य है. धुआं फैलने पर वह लोगों को अलर्ट करेगा.
ये हो सकती है कार्रवाई
बिल्डिंग में बायलॉज के मानकों का पालन नहीं करने वाले बिल्डरों को नोटिस दिया जाता है. निर्धारित समय में सुरक्षा और नक्शा के अनुरूप निर्माण में सुधार नहीं करने पर नक्शा रिजेक्ट करने और निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा सकती है. ऐसे बिल्डरों को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकता है. लेकिन रांची में जांच के नाम पर आइवॉश होता है.
क्या है आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट
आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के लिए बिल्डर की ओर से घोषणा की जाती है कि भवन का काम नियमानुसार किया गया है. ऐसा नहीं होने पर निगम की ओर से उस पर कार्रवाई की जा सकती है. जानकारी के अनुसार, नगर निगम क्षेत्र में कई बहुमंजिली इमारतों का निर्माण नक्शा का विचलन कर किया गया है. नगर निगम में इस संबंध में कई शिकायतें भी की गई हैं. फिर भी नगर निगम की ओर से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है. नगर निगम क्षेत्र में 28 से अधिक रजिस्टर्ड बिल्डर हैं. वर्तमान में इनके अलावा लगभग एक दर्जन से अधिक बिल्डर की ओर से निर्माण कार्य कराया जा रहा है.