Virendra rawat
Ranchi: शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा लाख दावे किये जाते हैं. पर उन दावों का हकीकत से कोई सम्बन्ध नहीं होता. दावे और वादे सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बटोरने तक सीमित हैं. रांची के राम लखन सिंह यादव कॉलेज में कॉमर्स की कक्षाओं के लिए अब तक विद्यार्थियों को कमरा आवंटित नहीं है. विभाग अध्यक्ष डॉ मीना कुजुर ने कहा कि कॉमर्स के लिए अबतक कमरा नहीं मिल सका है. जिसके कारण कई बार कक्षाएं बाधित होती हैं. फिलहाल साइंस की कक्षाओं में, तो कभी आर्ट्स की कक्षाओं में कॉमर्स का क्लास चलता है. हर बार क्लास बदलकर कक्षाएं चलानी पड़ती है. जिसके कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. विद्यार्थियों को इसकी जानकारी नहीं होती है कि किस दिन किस क्लास रूम में कॉमर्स की कक्षाएं चलेंगी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि झारखंड में शिक्षा व्यवस्था कितनी लचर हो चुकी है. विद्यार्थियों ने बताया कि कक्षाओं के संबंध में कुछ बोलने पर कॉलेज प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों के ऊपर दबाव बनाए जाते हैं. उन्हें धमकी दी जाती है कि उन्हें फेल कर दिया जाएगा. वहीं कॉमर्स की कक्षाओं के लिए रूम आवंटन के संबंध में प्राचार्य जेपी सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सुबह 7:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक कॉलेज के जितने भी कमरे हैं, सभी कमरे कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए आवंटित किया जाता है. विद्यार्थी किसी भी कमरे में जाकर क्लास कर सकते हैं.
प्राचार्य के इस प्रकार के जवाब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्राचार्य शिक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं ? जबकि प्रत्येक सब्जेक्ट के लिए प्रत्येक कॉलेज में अलग कमरा होता है. जिसमें नियमित रूप से संबंधित विषय की कक्षाएं होती है. राम लखन सिंह यादव कॉलेज ही एक मात्र ऐसा कॉलेज है जहां 30 कमरे हैं. और हर दिन अलग-अलग कमरे में विद्यार्थियों को कॉमर्स की शिक्षाएं दी जाती हैं.
विद्यार्थियों ने कहा, स्टूडेंट यूनियन के कमरे में शिक्षकों का कब्जा
राम लखन सिंह यादव कॉलेज के स्टूडेंट यूनियन के पूर्व अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने कहा कि स्टूडेंट यूनियन का चुनाव विश्वविद्यालय द्वारा जल्द घोषित किया जाना चाहिए. राम लखन सिंह यादव कॉलेज के स्टूडेंट यूनियन के चेंबर में फिलहाल स्टूडेंट यूनियन के प्रतिनिधियों के जगह पर शिक्षकों का कब्जा है. रवि अग्रवाल ने बताया कि कॉलेज में कॉमर्स के लगभग डेढ़ हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं. जिसमें बीकॉम में 371, एम कॉम में 312, और आई ए में लगभग 800 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं. लेकिन इन विद्यार्थियों के लिए अब तक सुचारू ढंग से कक्षाएं चले इसके लिए कमरा आवंटित नहीं किया गया है. कमरा के संबंध में विद्यार्थियों द्वारा प्रिंसिपल से सवाल पूछे जाने पर कॉलेज प्रशासन द्वारा विद्यार्थी के ऊपर उसे फेल कर देने का दबाव बनाया जाता है. जो कि असंवैधानिक है.
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लाखों की लागत से बना शौचालय कबाड़ और कमरा बंद
राम लखन सिंह यादव कॉलेज में लाखों की लागत से बना शौचालय फिलहाल महीने भर में ही कबाड़ बन गया है. शौचालय के भीतर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. बेसिन, पेन, नल सभी खराब पड़े हैं. इसके अलावा मैथेमेटिक्स के लिए अलग से नया कमरा कॉलेज द्वारा मनाया गया है लेकिन कमरे में अक्सर ताला जड़ा हुआ रहता है. इसके अलावा कमरे में अब तक बिजली और पंखे की व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके कारण कक्षाओं में विद्यार्थियों को गर्मी झेलनी पड़ती है.
राम लखन सिंह यादव कॉलेज में महिला सुरक्षा के नाम पर व्यवस्था शून्य
राम लखन सिंह यादव कॉलेज में कुल 7 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. जिसमें लगभग 3 हजार छात्राओं की संख्या है. छात्राओं की सुरक्षा के नाम पर विश्वविद्यालय में एक भी महिला सुरक्षाकर्मी नहीं है. जबकि दो पुरुष सुरक्षाकर्मी हैं, जो आपस में ही नशे की हालत में एक- दूसरे से मारपीट करते हैं. इसके अलावा महिलाओं के लिए बनी टॉयलेट की स्थिति दयनीय हैं. पूरे कॉलेज परिसर में गंदगी का अंबार पसरा हुआ है. छात्राओ ने कहा कॉलेज कम कब्रिस्तान अधिक लगता है.
सेनेटरी पैड मशीन वर्षों से खराब, पानी की समस्या भी बरकरार
राम लखन सिंह यादव कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने कहा कि कॉलेज में पेयजल की समस्या बनी हुई है. नियमित रूप से पेयजल के लिए जो टंकी उपयोग की जाती है, उसकी सफाई नहीं होती है. महिला और पुरुष के लिए एक ही स्थान पर शौचालय का निर्माण किया गया है जो कि बिल्कुल गलत है. लाइब्रेरी में विषय वार किताबों की संख्या नहीं होने कारण विद्यार्थियों को महंगी किताबें बाहर से खरीद कर पढ़नी पड़ रही है. इसके अलावा कई विद्यार्थी बिना यूनिफार्म के ही कॉलेज परिसर में प्रवेश कर जाते हैं, उस पर रोक लगाई जाये.

प्रिंसिपल ने कहा, 30 कमरों में चलती हैं कॉमर्स की कक्षाएं
राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्रिंसिपल जेपी सिंह से कॉमर्स की कक्षाओं के लिए आवंटित क्लास रूम के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पूरे कॉलेज में 30 कमरे में कमरे हैं. 30 कमरे में कॉमर्स की कक्षाएं संचालित की जाती है. हालांकि प्रिंसिपल से सवाल किया गया कि आखिर में यह तीनों कमरे में कैसे कॉमस की कक्षाएं प्रिंसिपल द्वारा संचालित की जाती है तो इस सवाल का जवाब प्रिंसिपल नहीं दे सके. इसके अलावा शौचालय, सुरक्षा, लाइब्रेरी में किताबों की कमी के संबंध में प्रिंसिपल जवाब नहीं दे सके.
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