NewDelhi/Patna : मोदी सरकार द्वारा कट्टरपंथी संगठन पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया जाना विपक्षी दलों को शायद रास नहीं आ रहा है. बता दें केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया सहित 8 सहयोगी सगठनों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. विपक्षी दलों के नेता अब RSS पर भी प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने हालांकि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन का तो स्वागत किया है, लेकिन साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बैन की मांग कर डाली है.
“PFI is being investigated. All organisations like PFI including RSS should be banned and an investigation should be done,” says RJD chief Lalu Prasad Yadav on #PFIBan pic.twitter.com/9nnxvwIEGU
— ANI (@ANI) September 28, 2022
Bengaluru | We don’t object to action against anybody who disturbs peace or is against law. RSS & others are also disturbing peace in the same way, action must be taken against them as well, any such organisations must be banned: Cong leader Siddaramaiah pic.twitter.com/NIzMMl62C0
— ANI (@ANI) September 28, 2022
BJP President, J. P. Nadda, has said Kerala is becoming a hotspot of terrorism. This false accusation cannot cover up the fact that political violence in Kerala is being perpetuated by killings and retaliatory killings indulged in by the RSS and Popular Front of India (PFI) (1/n)
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) September 27, 2022
AIMIM Chief, Asaduddin Owaisi says “PFI ban cannot be supported,” also adds, “Actions of some individuals who commit a crime does not mean that the organisation itself must be banned” pic.twitter.com/218wc81njN
— ANI (@ANI) September 28, 2022
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मुस्लिम संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है
लालू प्रसाद ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है. देश में हिंदू-मुस्लिम करके देश को तोड़ना की कोशिश की जा रही है लालू यादव ने कहा कि ये लोग मस्जिदों के सामने, हनुमान जी का पाठ कर रहे हैं. ये क्या बताता है, सांप्रदायिकता फैलाकर देश में दंगा फसाद करके शासन में बना रहना चाहते हैं. अब इनका दिन लद गया है. आजकल एक ही बाजा बजा रहे हैं रोज. पीएफआई का हौव्वा दिखा रहे हैं लोगों के ऊपर. सबसे पहले आरएसएस पर बैन करिए. ये उससे भी बदतर संगठन है. जो हिंदुत्व का कट्टरपंथ आगे बढ़ाता है.
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गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर तीन बार बैन लगा
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, RSS ने भी समाज में अशांति फैलाने की कोशिश की है. इनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हमें लगता है कि पीएफआई की चरमपंथी गतिविधियां खत्म होनी चाहिए, केरल में पीएफआई और आरएसएस के कार्यकर्तांओं की हत्याओं और जवाबी हत्याओं के कारण हिंसा होती है. दोनों पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा, बैन हल नहीं है. गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर तीन बार बैन लगा, लेकिन क्या इससे कुछ रुका.
आप इतने साल क्या कर रहे थे
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि जनता को सुरक्षा चाहिए. अगर इतने दिन से ये हो रहा था तो आप क्या कर रहे थे? ये साल भर में तो पैदा नहीं हुई. क्या सबूत अभी मिले हैं? अगर ये आतंकवादी संस्थाओं से पहले से जुड़ी थी तो आप इतने साल क्या कर रहे थे.
पीएफआई पर बैन गलत है
सम्भल से सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने कहा कि पीएफआई पर बैन गलत है, वह एक राजनीतिक पार्टी है. देश के अंदर जम्हूरियत है, लोकतंत्र है, ऐसी पॉलिटिकल पार्टियां बहुत सी हैं. मेरी राय में ये कदम ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि पीएफआई में जो गिरफ्तारियां हुई हैं, वो भी गलत हैं. उन्होंने कहा, जिस तरह से बीजेपी काम कर रही है. 2024 में जनता उन्हें सबक सिखायेगी.
कांग्रेस पार्टी सभी प्रकार की सांप्रदायिकता के खिलाफ रही है,
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से सभी प्रकार के सांप्रदायिकता की खिलाफ रही है, हम बहुसंख्यकवाद या अल्पसंख्यकवाद के आधार पर धार्मिक उन्माद में फर्क नहीं करते. कांग्रेस की नीति हमेशा से बिना किसी डर के, बिना किसी समझौते के सांप्रदायिकता से लड़ने की रही है.
हम हर उस विचारधारा और संस्था के खिलाफ हैं जो हमारे समाज का धार्मिक ध्रुवीकरण करने के लिए पूर्वाग्रह, नफरत, कट्टरता और हिंसा का सहारा लेती है. पीएफआई बैन पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा, देश में कोई भी संस्था जो गैर कानूनी काम करती है, नफरत फैलाने का काम करती है, उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई होनी ही चाहिए
PFI पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया : मौलाना रजवी
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी, बरेली ने कहा कि सरकार ने कट्टरपंथी संगठन PFI पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया है. भारत की सरजमीं कट्टरपंथी विचारधारा की सरजमीं नहीं है और न यहां ऐसी कट्टरपंथी विचारधारा पनप सकती जिससे मुल्क की एकता-अखंडता को खतरा हो. बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पार्टी के नेताओं ने केंद्र सरकार के इस कदम का स्वागत किया है.