Ranchi: कोरोना के कारण राज्य के नवजात बच्चों को दिया जाने वाला टीका अप्रैल महीने तक सिर्फ 53 फीसदी बच्चों को ही मिला है. स्वास्थ्य विभाग के वरीय आईईसी अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि राष्ट्रीय टीकाकरण प्रोग्राम के तहत अप्रैल में 47 फीसदी बच्चों को टीका नहीं लगाया जा सका. ऐसे बच्चों की दो तरह की श्रेणी बनायी गयी है. इसमें पहली श्रेणी लेफ्टआउट और दूसरी ड्रॉपआउट बच्चों की है. लेफ्ट आउट में वैसे बच्चे हैं जिन्हें एक भी टीका नहीं लगा है. वहीं ड्रॉपआउट श्रेणी में वैसे बच्चे हैं जिन्हें एक या दो टीका लगा पर सभी टीका नहीं मिल सका है.
कहा कि इसे देखते हुए NHM के अभियान निदेशक ने राज्य के सभी सिविल सर्जन और जिला आरसीएच पदाधिकारी को जल्द से जल्द सूची बनाकर कैचअप सेशन के माध्यम से शत प्रतिशत टीकाकरण करने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि झारखंड में 875941 बच्चों को वार्षिक टीकाकरण का लक्ष्य है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार राज्य के 51 फीसदी बच्चे लेफ्टआउट और 47 फीसदी बच्चों को ड्रॉपआउट की श्रेणी में रखा गया है.
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कोडरमा के सिर्फ 10 फीसदी बच्चों को लगा टीका
सर्वाधिक टीका लगने के मामले में पूर्वी सिंहभूम में 80 फ़ीसदी, बोकारो और गोड्डा के 74 फीसदी और लातेहार के 75 फीसदी बच्चों को टीका लग चुका है. वहीं रांची के सिर्फ 35 फीसदी बच्चों को टीका लगाया गया है. सबसे कम ड्रॉपआउट का प्रतिशत पूर्वी सिंहभूम के बच्चों का है. जहां सिर्फ 20 फीसदी बच्चे ही ड्रॉपआउट हैं. वहीं लातेहार के 25 फीसदी बच्चे, बोकारो और गोड्डा के 26 फीसदी ड्रापआउट हैं. वही रांची के 6550 बच्चे ड्रॉपआउट हैं.
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रांची के 74 फीसदी बच्चे लेफ्टआउट
राष्ट्रीय टीकाकरण प्रोग्राम के तहत वैसे बच्चों को लेफ्टआउट माना गया है, जिन्हें एक भी टीका नहीं पड़ा है. इस मामले में जनवरी से अप्रैल तक रांची के 74 फीसदी बच्चे लेफ्टआउट हैं जिन्हें एक भी टीका नहीं लगा है. सबसे अधिक लेफ्टआउट कोडरमा जिले के बच्चे हैं. कोडरमा के 86 फीसदी बच्चों को एक भी टीका नहीं लगा है. धनबाद में यह आंकड़ा 69 फीसदी का है. वहीं सबसे कम लेफ्टआउट पूर्वी सिंहभूम जिला के हैं जहां सिर्फ़ 27 फीसदी बच्चे ही लेफ्टआउट हैं. बोकारो के 38, गोड्डा के 35 गिरिडीह के 37 और लातेहार के 36 फीसदी बच्चे ही लेफ्टआउट हैं.
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