MumbaI : चर्चित मनसुख हिरेन मर्डर केस का खुलासा हो जाने की खबर आयी है. एनआईए द्वारा तीन सितंबर को फाइल की गयी चार्जशीट के अनुसार एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को मनसुख हिरेन को मारने की सुपारी दी गयी थी. बता दें कि प्रदीप शर्मा ने 2019 में शिवसेना के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि वह हार गया था.
फाइल की गयी चार्जशीट के अनुसार सचिन वाझे ने हत्या कराने के लिए प्रदीप शर्मा को मोटी रकम दी थी. मर्डर की सुपारी लेने के बाद प्रदीप ने संतोष शेलार से मर्डर में शामिल होने के लिए पूछा. बाद में इन लोगों ने साथ में मिलकर हिरेन की हत्या कर दी.
इसे भी पढ़ें : महाराष्ट्र के नेताओं के खिलाफ ED की कार्रवाई से मोदी सरकार पर बरसे शरद पवार, कहा, यह राज्य सरकार को दबाने का प्रयास
चार मार्च को हिरेन मनसुख की हत्या को अंजाम दिया गया था
जान लें कि चार मार्च को हिरेन मनसुख की हत्या को अंजाम दिया गया था. चार्जशीट से जानकारी मिलती है कि दो मार्च को वाझे ने एक मीटिंग की थी, जिसमें पुलिसकर्मी सुनील माने और प्रदीप शर्मा, दोनों मौजूद थे. एनआईए के अनुसार वाझे न यह मीटिंग इसलिए की, ताकि दोनों को यह पता चल सके कि हिरेन कैसा दिखता है.
चार्जशीट के अनुसार यह काम प्रदीप शर्मा (ए-10) को सौंपा गया था. साजिश के तहत आरोपी प्रदीप शर्मा ने आरोपी संतोष शेलार (ए-6) से संपर्क किया और पूछा कि क्या वह पैसे के बदले मर्डर कर सकता है, आरोपी संतोष शेलार ने स्वीकार कर लिया.
इसे भी पढ़ें : विश्व की राजनीति में भूचाल, अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री वैश्विक आतंकी और गृहमंत्री मोस्ट वांटेड
वाझे और माने दोनों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया
चार्जशीट में बताया गया है कि 3 मार्च को वाझे ने शर्मा से एक बार फिर मुलाकात की पैसों से भरा बैग उसे दिया. जिसमें 500-500 के नोट थ।. पैसे लेने के बाद प्रदीप शर्मा ने शेलार को फोन किया और लाल टवेरा का इंतजाम करने को कहा. इस गाड़ी का इस्तेमाल शर्मा हिरेन को मारने और उसकी लाश को ठिाकने लगाने के लिए करना चाहता था. चार्जशीट में कहा गया है कि वाझे और माने ने प्लान किया था, चार मार्च की शाम को माने ने क्रिकेट के सट्टेबाज नरेश गॉट से ली गयी सिम का इस्तेमाल कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर, मलाड के एक पुलिस अधिकारी होने का नाटक किया और हिरेन को फोन किया.
इसके बाद हिरेन उनसे मिलने के लिए तैयार हो गया. माने ने हिरेन को उठाया और उसे शेलार को सौंप दिया. शेलार तीन अन्य मनीष सोनी, सतीश मोथुकारी और आनंद जाधव के साथ टवेरा में उनका इंतजार कर रहा था. इन लोगों ने गाड़ी में ही हिरेन की हत्या कर दी और शव को नाले में फेंक दिया. जान लें कि एनआईए ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
इसे भी पढ़ें : इंडोनेशिया के तांगेरांग जेल में लगी भीषण आग, 41 कैदियों की झुलसे से मौत, 39 अस्पताल में भर्ती