Pune : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार महाराष्ट्र के विभिन्न नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई से भड़क गये है. शरद पवार मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार के अधिकारों का अतिक्रमण करने और राजनीतिक विरोधियों को हतोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है. बता दें कि ईडी राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख तथा एकनाथ खडसे के खिलाफ अलग-अलग धनशोधन मामलों की जांच कर रहा है. प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले सप्ताह धनशोधन मामले में शिवसेना सांसद भावना गवली से जुड़े कई परिसरों पर भी रेड की थी.
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महाराष्ट्र में ईडी की ऐसी कार्रवाई के बारे में पहले कभी नहीं सुना
पवार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, महाराष्ट्र में ईडी की ऐसी कार्रवाई के बारे में पहले कभी नहीं सुना. भावना गवली से जुड़े परिसरों पर ईडी की छापेमारी के बारे में पवार ने कहा कि यह मामला शैक्षणिक संस्थानों का है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने कहना था कि जब इस तरह के संस्थानों के खिलाफ आरोप होते हैं, तो चैरिटी आयुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज की जा सकती है. अगर चैरिटी आयुक्त नहीं तो राज्य सरकार की एजेंसियां हैं, लेकिन यहां सीधे ईडी शामिल हो गया.
सहकारी क्षेत्र में भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप पर आपत्ति जतायी
पवार यहीं नहीं रुके, सहकारी क्षेत्र में भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप पर भी आपत्ति जताते हुए कहा, सहकारी ऋणदाताओं ने बैंकिंग क्षेत्र को जमीनी स्तर तक पहुंचाया. ऐसे बैंक वित्तीय जरूरतों के मामले में कई लोगों की मदद करते हैं. सहकारी बैंकों का विलय और बंद होना न केवल सहकारी क्षेत्र के लिए बल्कि उन लोगों के लिए भी नुकसानदेह है जो इससे लाभ उठाते रहे हैं.
कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा
कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बारे में पवार का कहना था कि मैने कई ऐसे कार्यक्रम देखे हैं जहां कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. उन कहा कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने राजनीतिक दलों को भीड़ से बचने के लिए आंदोलन, बैठकों और अन्य कार्यक्रमों को तुरंत रोकने के लिए कहा है, इसलिए वह बड़ी सभाओं वाले कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा, मैं केवल सीमित संख्या में लोगों के साथ घर के अंदर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होऊंगा.
हिंदू और मुस्लिमों के पूर्वजों के समान होने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी के बारे में पवार ने चुटकी ली, यह मेरे ज्ञान में वृद्धि है.