Ranchi: अभियंता पदाधिकारी कर्मचारी समन्वय समिति संयुक्त मोर्चा के केंद्रिय संगठन ने सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत सुधार अधिनियम 2020 का विरोध किया. बिल का विरोध करते हुए झारखडं ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के मुख्यालय के बाहर कई कर्मचारियों, पदाधिकारियों और अभियंता ने धरना-प्रदर्शन किया. केंद्र सरकरा द्वारा यह बिल बिजली निगम के निजीकरण के लिए लागू किया जा रहा है. उनका कहना है कि अगर यह बिल सरकार वापस नहीं लेती है तो इसके विरोध में पूरे देश में 10 अगस्त 2021 को समिति हड़ताल करेगी. इसके साथ ही ब्लैक आउट भी किया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी क्रेंद सरकार, राज्य सरकार और निगम प्रबंधन की होगी.
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बिल को वापस लेने के साथ ही नियुक्ति, प्रमोशन, पेंशन व्यवस्था की मांग
इस अवसर पर समिति ने Organization Structure के तहत Designation mapping और Restructuring और लंबित ग्रेड पे बिना देर किए लागू करने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने लंबित 6% ऊर्जा भत्ता लागू करने, खाली सभी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु करने, पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने और प्रमोशन पर लगायी गयी रोक को वापस लेने की मांग की.
इस अवसर पर जेपेसा के महासचिव ने कहा कि यह बिल उद्योगपतियों के लिए फायदेमंद होगा. आम जनता के लिए यह घाटे का सौदा है. आगे डिप्लोमा अबियंता के महासचिव पीके जयसवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार इस बिल को विरोध कर रही है. धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से प्रीतम निशी किड़ो, अजय कुमार, विरेंद्र कुमार, आशीष कुमार, अमित कुमार, ज्ञान चंद, अनिल कुमार, अरुण, अलका, संतोष, सुमन, संदीप आदि शामिल हुए.