Ranchi : झारखंड में हर दिन औसतन चार लोग साइबर क्राइम के शिकार हो रहे है. पिछले पांच सालों की बात करें तो हर साल साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है. साल 2016 से साल 2020 यानी पांच साल के दौरान पूरे राज्य में 5024 साइबर क्राइम के मामले दर्ज हुए है. इस साल डीजीपी एमवी राव के निर्देश पर पूरे राज्य में इस वर्ष सितंबर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान 517 साइबर अपराधी पकड़े गये है. वहीं 2020 की बात की जाये तो राज्य के अलग- अलग जिले से 1022 साइबर अपराधी पकड़े गये है.
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पिछले पांच सालों में कैसे बढ़ा साइबर क्राइम का ग्राफ
पिछले पांच सालों के दौरान झारखंड में साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ा है. साल 2016 में 497, साल 2017 में 864, साल 2018 में 1038, साल 2019 में 1385 और साल 2020 में 1240 साइबर क्राइम के मामले राज्य के अलग-अलग जिले में दर्ज हुए है. पिछले पांच सालों में सबसे अधिक रांची में जिला 1326 साइबर क्राइम के मामले दर्ज हुए है जबकि सबसे कम खूंटी जिले में 31 मामले दर्ज हुए है.
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24 में 22 जिलों में साइबर अपराधी सक्रिय
झारखंड में साइबर अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. जामताड़ा साइबर अपराध के लिए पूरे देश में अपनी अलग पहचान तो बना ही चुका है. लेकिन इस बीच हैरत करने वाली एक और बात सामने आयी है. झारखंड के 24 में 22 जिलों में साइबर अपराधी सक्रिय हो गये हैं. साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छत्तीसगढ़, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तराखंड और महाराष्ट्र की पुलिस की टीम गिरिडीह, देवघर, दुमका, जामताड़ा और हजारीबाग सहित कई अन्य जिलों में आपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अकसर आती रहती है.
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150 से ज्यादा साइबर अपराध के गिरोह हैं सक्रिय
मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड में साइबर अपराध के 150 गिरोह सक्रिय हैं. इनमें से कई गिरोहों को झारखंड पुलिस ने चिह्नित भी कर लिया है. हालांकि, झारखंड पुलिस के लिए ये गिरोह बड़ी चुनौती बनी हुई है. लेकिन पुलिस अब इनका सफाया करने के लिए सक्रिय दिख रही है. कई अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की भी तैयारी चल रही है.
साइबर क्राइम के ज्यादातर मामले एटीएम से जुड़े होते हैं. अपराधी बूढ़े-बुजूर्ग या महिलाओं को शिकार बनाते हैं. ये लोग एटीएम के बाहर अकेले में लोगों को शिकार बनाते हैं. बैंक अधिकारी बनकर फर्जी तरीके से लोगों का बैंक खाता खाली कर देते हैं. साइबर अपराध के गिरोह में 20-30 वर्ष के बीच के अपराधी शामिल होते हैं. जो साइबर अपराध की घटना को अंजाम देते हैं.
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किस तरह के हो रहे हैं साइबर क्राइम
बैंक फ्रॉड– बैंक, इंश्योरेंस कंपनी कर्मचारी बनकर एटीएम ब्लॉक, आधार कार्ड अपडेट करने का झांसा देकर ठगी एसएमएस, कॉल,ईमेल के जरिये की जा रही है. साथ ही लॉटरी लगने का मैसेज देकर ठगी होता है और डेबिट, क्रेडिट कार्ड एटीएम में लगाने, पीओएस मशीन से भुगतान के दौरान कार्ड क्लोनिंग कर ली जाती है.
एटीएम हैक – एटीएम में हैकर डिवाइस लगाकर मशीन को हैक कर लेता है. मशीन स्लीपिंग मोड में करके क्यूआर-कोड हैकर हासिल करके पैसा निकाल लेता है.
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सोशल मीडिया से क्राइम
मैसेंजर या एसएमएस के जरिये कोई लिंक हैकर भेजता है. इसपर क्लिक करते ही फेसबुक आईडी, पासवर्ड उसके पास पहुंच जाता है, फिर हैकर इसका इस्तेमाल करता है. फेक आईडी का इस्तेमाल बदनाम करने और भड़काऊ पोस्ट करने में किया जा रहा है.
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