- घूसखोरी : विधवा को अनुकंपा पर नौकरी दिलाने के लिए 30 हजार रुपये घूस मांगे
- पांच गो की कमेटी है, सबको सेटल करने के लिए 5- 6 हजार रुपया देना पड़ता है, समझे न, चुपचाप साइन कर दें
Saurav Singh
Ranchi : रामगढ़ जिले की सिरका कोलियरी में काम करने वाले डंपर ऑपरेटर की पत्नी से अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिलाने के लिए 30 हजार रुपये रिश्वत मांगी गयी थी. मामले में सीबीआई की टीम ने बुधवार को सिरका कोलियरी में कार्यरत क्लर्क ग्रेड-2 संदीप कुमार को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. सिरका कोलियरी में काम करने वाले डंपर ऑपरेटर राजू मुंडा का 15 जुलाई 2023 को निधन हो गया था. राजू मुंडा की पत्नी लता देवी ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन दिया. कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी ने उसके आवेदन को सिरका कोलियरी में कार्यरत क्लर्क ग्रेड-2 संदीप कुमार के पास भेज दिया. लता देवी, संदीप कुमार के पास गई, तो कई बार उसे दौड़ाया गया. बाद में संदीप कुमार ने कहा कि नौकरी तब तक नहीं मिलेगी, जब तक स्क्रीनिंग कमेटी पास नहीं करेगी. लता देवी ने संदीप कुमार से पूछा कि इसके लिए उसे क्या करना होगा. संदीप ने उसे बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी से प्रस्ताव पास कराने के लिए उसे 30 हजार रुपये खर्च करने होंगे. मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई एसीबी रांची को सौंपा गया है.
जानिए कैसे सीसीएल कर्मी ने विधवा लता देवी से रिश्वत मांगी
क्या-क्या कहा :
- क्लर्क संदीप कुमार : बोलिए क्या बोल रही थीं, कुछ बोलना था आपको.
- लता देवी: कुछ बोलना है, काहे कि इधर पेमेंट-उमेंट नहीं मिला, पैसा मिला नहीं, आप जान रहे हैं न हम कितना मुश्किल में हैं.
- क्लर्क संदीप कुमार : न ऊ तो सही है.
- लता देवी: जान रहे थे कि 9- 10 महीने से भैया किस हालत में थे, हाथ में कोई पैसा नहीं है, इसलिए बोल रहे थे कि कुछ कम कर देते.
- क्लर्क संदीप कुमार: न- न बात मानने की बात नहीं है, देखिए हम वह आदमी नहीं हैं, जो आपका नरेटी दबाकर पैसा लेंगे.
- लता देवी: हम जान रहे हैं, हम आपके मुंह से सुनना चाहते हैं, तब तो मैनेज करेंगे.
- क्लर्क संदीप कुमार : अच्छा देखिए, अभी मान लीजिए पांच गो की कमेटी बैठती है, ठीक है. अब तक आदमी किसी तरह कुछ लिख दिया न, तो जो नौकरी आपकी एक महीने में होनेवाली है या दो महीने में होनेवाली है, वो नौकरी चल जाएगा छह महीने पीछे, उसको क्लारीफिकेशन करने फिर आ जाएगा, लौट के फिर समझे ई सब सेटल करने के लिए पांच आदमी है ,तो कम से कम 5- 6 हजार रुपया देना पड़ता है. समझे ना चुपचाप साइन कर दें, आंख मूंद के, न तो इतना क्वेश्चन अराइज करेगा, तो सबको सेटल करना दिक्कत होता है.
- लता देवी: अच्छा
- क्लर्क संदीप कुमार : इसलिए बोल रहे थे, मान लीजिए आपका का एक महीना लेट हो जाएगा, आज के डेट में 40 हजार से कम का तनख्वाह नहीं है.
- लता देवी: हम जान रहे हैं.
- क्लर्क संदीप कुमार : ड्यूटी अगर ज्वाइन कर लीजिएगा एक महीना पहले, तो 40 हजार रुपया आपको तो शुरू हो जाएगा. पहले बात यही है.
- लता देवी : हां- हां
- क्लर्क संदीप कुमार : बात यह है, लेकिन वही अगर 6 महीना लेट हो गया, तो ढाई लाख रुपया माइनस हो जाएगा. 6 महीना पहले मान लीजिए आप ज्वाइन कर लीजिएगा, तो 6 महीने का तनख्वाह मिल जाएगा, लेकिन अगर वही चीज गलती के चलते पेपर घूमता रहा, तो आपको 9 का 6 लग जाएगा. तो दोनों तरफ का घाटा है. इसलिए हम उससे बोले कि देखिए ऐसी बात है, तो बोला की भाभी मिलना चाहती है. ठीक है नरेटी नहीं दबाना है, नहीं देगी या देगी ऐसा नहीं है, हम सहूलियत के लिए बोल रहे थे कि सहूलियत हो जाएगा… हम डायरेक्ट नहीं बोलते हैं, हमको भी खराब लगता है. जानते हैं कि स्थिति क्या होती है, लेकिन यह सब समझने का फेर है, इसीलिए हम बोलते हैं ठीक है, बाकी देना ना देना ऊ अलग चीज है. ठीक है हम बोले थे कि 30- 35 हजार रुपया अरेंज करके रख लीजिएगा, जिस दिन कमेटी बैठेगी यहां पर, उसके एक दिन पहले आज बोले तो आज करवा देंगे. आपका काम करवा देंगे.