Ranchi : महामारी का एक ऐसा दौर है, जहां हर रोज कई जानें जा रही हैं. फिर भी अस्पताल प्रबंधन सतर्क नहीं है. ऐसा ही एक मामला रांची के सदर अस्पताल से सामने आया है, जहां मरीजों को एक्सपायर दवा दी जाने वाली थी. मगर डॉक्टरों की सतर्कता के कारण ये अनहोनी टल गयी.
डॉक्टरों ने कहा- रात को सही दवा होनी चाहिए उपलब्ध
दरअसल रात के 11 बजे नाइट शिफ्ट में मौजूद डॉक्टरों ने मरीजों को दवा देने से पहले दवा का डिस्क्रिप्शिन चेक किया. तब असलियत सामने आयी. इसके बाद तत्काल डॉक्टरों द्वारा अस्पताल प्रबंधन को सूचित किया गया. वही डॉक्टरों का कहना है कम से कम रात के शिफ्ट की दवा सही से उपलब्ध होनी चाहिए, क्योंकि ऐसे टाइम में मरीज के परिजन बाहर से दवा भी नही ला सकते हैं.
तीन दिन पहले पांचवे तल्ले में एक साथ कई मरीजों को हुआ था रिएक्शन
सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन ने बताया कि तीन दिन पहले भी पांचवें तल्ले में भर्ती कई मरीजों में एक साथ रिएक्शन देखा गया था, जिसे तत्काल वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने जरूरी इंजेक्शन देकर मरीजों को राहत दिलायी. अस्पताल प्रबंधन स्तिथि को दुरुस्त कर लेने की बात लगातार कह रहा है पर प्रतिदिन कोई न कोई समस्या सामने आ जा रही है. बुधवार को मरीजों ने बासी नाश्ते को लेकर शिकायत की थी.
रात होने के कारण बाहर से भी ला नहीं सके दवा
मरीजों के परिजन के अनुसार अगर ऐसी घटना दोपहर में होती तो हम बाहर से दवा ले भी आते. रात में 11:30 बजे सभी दुकानें बंद रहती हैं तो दवा ला पाना मुश्किल था. लॉकडाउन के कारण और दुकानें जल्द ही बंद हो जा रही हैं. उन्होंने कहा कि स्टोर से दवा की तिथि देख कर ही भेजनी चाहिए. अगर डॉक्टरों से नजरअंदाज हो जाता तो मरीजों का क्या होता ये तो कोई नहीं जानता. एक तो सभी मरीजों की इम्यूनिटी पहले से ही खराब हो चुकी है.
एक्सपायरी दवा को किया गया डिस्पोज
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एस मंडल ने कहा कि ये बात हमारे संज्ञान में है. पिछले साल कोविड के दौरान एक डब्बा बचा हुआ था, सिस्टर भूलवश उठा लायी थी. अब एक भी नहीं बचा है, उसे डिस्पोज कर दिया गया है. हम सदर के पास एक भी एक्सपायरी दवा नहीं है. हालांकि वो किसी भी मरीज को नहीं दिया गया था.