हर माह डीलर काट लेता है दो किलो राशन, मार्च में अब तक नहीं मिला है अनाज
जांच के बावजूद गरीबों के पेट पर डाला जा रहा डाका
दो तरह के रखे जाते हैं तराजू, एक पर अंगूठा के साथ होता है डिजिटल वजन और दूसरे से मिलता है चावल
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : ‘शुभम संदेश’ की पड़ताल में हजारीबाग सदर प्रखंड की पौता पंचायत में कई डीलरों का खेल खुलकर सामने आया है. अनुसूचित जाति बाहुल्य चंदवार और अनुसूचित जनजाति बाहुल्य मरहेता गांव में लाल कार्डधारियों के घरों में सरहुल, रामनवमी और रमजान जैसे त्योहारों में फांकाकशी की हालत है. उनके घरों में मार्च माह में सरकारी अनाज का एक दाना नसीब नहीं है. मेहनत-मजदूरी और महाजनों से उधार लेकर घर-परिवार की गाड़ी खींच रहे हैं. डीलरों से सरकारी अनाज मिलने का इंतजार कर रहे हैं. कभी डीलर, तो कभी महाजन के घर दौड़ लगा रहे हैं. कार्डधारियों का कहना है कि हर माह डीलर दो किलो राशन काट लेता है. माप-तौल में खूब गोरखधंधा करता है. विरोध करने पर अपनी खर्च का हिसाब बताने लगते हैं. कभी कम सरकारी राशन मिलने, तो कभी गोदाम से कम अनाज आने की बात कहते हैं.
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सूची से नाम हटाने की धमकी
यहां तक कि सूची से नाम हटा देने तक की धमकी देते हैं. शिकायत करने पर जांच के बावजूद बेखौफ गरीबों के पेट पर डाका डाला जा रहा है. डीलरों के पास दो तरह के तराजू रखे जाते हैं. एक पर अंगूठे के निशान के साथ डिजिटल वजन कर पर्चियां काटी जाती हैं. दूसरे तराजू से तौल कर चावल दिया जाता है. इसका बिल भी नहीं दिया जाता है. इधर जिला प्रशासन भी पूरी जांच टीम तैयार कर रखी है. डीसी ने खुद जांच की. कई बार टीम बनाकर जांच भी कराई गई. कई डीलरों को सस्पेंड भी किया गया. लेकिन डीलर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. वह नए-नए हथकंडा अपना रहे हैं और दो किलो अनाज काटने का खेल जारी रखा है.
कार्डधारियों ने सुनाई अपनी पीड़ा
चंदवार और मरहेता के डीलर ने 23 मार्च तक अनाज का वितरण नहीं किया था. इस संबंध में चंदवार निवासी शांति देवी, रेखा देवी, नगीना देवी, इंद्राणी देवी, श्यामसुंदर राम, मेघवाल राणा, इंद्रदेव राम, कौशल्या देवी, अनीता देवी और वलीमा देवी ने कहा है कि मार्च माह का राशन अब तक नहीं मिला है. डीलर प्रभात कुमार ठाकुर और जयंती देवी ने राशन वितरण नहीं किया. उन लोगों के घर में सरकारी अनाज का एक दाना नहीं है और त्योहार गुजर रहा है. ऐसे में बाजार से अगर हम चावल खरीद कर लाते हैं, तो 30 रुपए के हिसाब से चावल मिलता है. त्योहार में अपने बच्चे को कपड़ा या फिर मिठाई के पैसे इकट्ठा करें या चावल खरीदें.
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दो किलो अनाज काटने के लिए करनी पड़ती है काफी मशक्कत : डीलर
इस संबंध में चंदवार की डीलर जयंती देवी एवं अहिल्या देवी के बेटे प्रभात कुमार ने बताया कि मार्च माह का चावल अब तक गोदाम से नहीं मिला है. उन्होंने यह भी कहा कि बोरे में जो चावल आता है, उसमें वजन कम होता है. इसलिए वह 25 किलो चावल पर दो किलो अनाज प्रति लाभुक काटते हैं. इधर प्रभात कुमार ने बताया कि दो किलो अनाज काटने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. चूंकि सरकार अब डिजिटल मीटर लगा दिया है. इसमें वजन कर चावल देते हैं. फिर दोबारा दो किलो वजन कम कर लेते हैं.
चार किमी दूर जाकर लाना पड़ता है राशन
मरहेता के भी लाभुक भुनेश्वर उरांव, तेतरी देवी और बासुदेव राम ने बताया कि 15 किलो की जगह में 13 किलो चावल मिलता है. चार किलोमीटर दूर जाकर चावल लाते हैं. वह भी डीलर कब देगा इसकी सूचना भी नहीं मिल पाती है. हर तरफ से परेशानी लाभुकों को ही है.
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