Ranchi : कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने छठी JPSC की मेरिट लिस्ट की गयी गड़बड़ी में संलिप्त दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. श्री तिर्की ने अपने पत्र में कहा है कि छठी जेपीएससी परीक्षा के प्रकाशित मेरिट लिस्ट को उच्च न्यायालय ने चयन को अवैध बताते हुए 326 अधिकारियों की नियुक्तियां निरस्त कर दी है.
न्यायालय ने कई सवाल उठाए हैं
न्यायालय ने जेपीएससी के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए वैसे संबंधित पदाधिकारियों को चिह्नित कर उन पर कार्रवाई किए जाने पर जोर दिया. जेपीएससी की स्थापना से लेकर अब तक आयोग पर किसी न किसी विवाद या भ्रष्टाचार का आरोप लगता रहा है. पहली और दूसरी जेपीएससी परीक्षा में मेधा घोटाले के मामले में 55 अधिकारियों की नियुक्तियां गलत पाई गई थीं. सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के बाद सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था, अभी भी इन मामलों की जांच सीबीआई कर रही है. पूरे देश में जेपीएससी की कार्यशैली के कारण राज्य की बदनामी हो रही है. झारखंड के लाखों शिक्षित युवा सालों से परेशान हो रहे हैं.
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मेरिट लिस्ट बनाने में जिन अधिकारियों की रही है भूमिका कार्रवाई करे सरकार
जेपीएससी के जिन अधिकारियों की भूमिका मेरिट लिस्ट बनाने में रही है, वे सेवानिवृत्त और लंबे अनुभव वाले पदाधिकारी हैं. इसके बावजूद इन पदाधिकारियों ने अपनी सारी जिम्मेदारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों को सौंप दी. इसके बाद अध्यक्ष, सचिव और सदस्यों के इशारे पर सारी गड़बड़ियां हुई है. जेपीएससी में हुई गड़बड़ी की सारी जिम्मेदारी तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव या सदस्य एवं उच्च पदाधिकारियों की है. इन पर प्राथमिकी दर्ज कर अविलंब कानूनी कार्रवाई की जाए.
सीएम का जताया आभार
रूपा तिर्की मामले पर मुख्यमंत्री द्वारा न्यायिक जांच के आदेश का मांडर विधायक बंधु तिर्की ने आभार व्यक्त किया है. श्री तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा उठाया गया यह कदम झारखंड के आदिवासी जनभावनाओं का कद्र करने वाला कदम है.