घटनास्थल पर पहुंच एडीजीपी ने ली जानकारी, 24 घंटे के बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लगे सुराग
पुलिस मेंस एसोसिएशन ने अंगरक्षक देने पर भी उठाया सवाल
कहा-नियम को ताक पर रखकर प्रशासन ने एनटीपीसी को खुश करने का किया है काम
जेल में बंद अपराधियों से भी की जा रही पूछताछ
Gaurav Prakash
Hazaribagh : ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर शरद कुमार हत्याकांड के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. वहीं विश्वस्त सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि पीएलएफआई ने घटना की जिम्मेदारी ली है. अंकित यादव के नाम पर हत्याकांड की जिम्मेवारी ली गई है, जो खुद को पीएलएफआई का एरिया कमांडर बताता है. लेकिन अब तक किसी भी तरह का प्रेस नोट इस बाबत जारी नहीं किया गया है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि पीएलएफआई खुद की मार्केटिंग करने के उद्देश्य से कहीं जिम्मेवारी तो नहीं ले रहा है. इसके पहले भी एनटीपीसी की आउटसोर्सिंग कंपनी त्रिवेणी सैनिक के एजीएम गोपाल सिंह की हत्या हुई थी और उस घटना की भी जिम्मेवारी पीएलएफआई ने ली थी. बाद में हजारीबाग पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए छह अपराधियों को गिरफ्तार किया था और मामला कुछ और ही निकला था.
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पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने खड़े किए कई सवाल
बड़कागांव में हुए गोलीकांड में हजारीबाग जिला बल का जवान व प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर का बॉडीगार्ड राजेंद्र प्रसाद घायल हुआ था. इस मामले पर पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष करण सिंह ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. उनका कहना है कि आखिर ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर शरद कुमार को बॉडीगार्ड कैसे मुहैया कराया गया. सुरक्षा परिषद से पहले पास कर आना होता है. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि नियम को ताक पर रखकर बॉडीगार्ड दिया गया. प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से बॉडीगार्ड मुहैया कराने को लेकर जानकारी भी मांगी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि शरद कुमार को धमकी भी मिली थी .लेकिन उन्होंने शिकायत भी दर्ज नहीं कराई.
बॉडीगार्ड के इलाज में नहीं मिल रही आर्थिक मदद
पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष करण सिंह ने बताया कि बॉडीगार्ड राजेंद्र प्रसाद गंभीर रूप से घायल है और उसका इलाज रांची के मेडिकल में चल रहा है. अस्पताल प्रबंधन ने डेढ़ लाख रुपए जमा करने को कहा है. लेकिन जिला प्रशासन और न ही एनटीपीसी मदद कर रहा है और पूरे खर्च का निर्वहन पुलिस मेंस एसोसिएशन झारखंड कर रहा है.
एडीजीपी ऑपरेशन और आतंकवाद निरोधक दस्ता के एसपी ने ली घटना की विस्तृत जानकारी
हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड स्थित एनटीपीसी के साइट कार्यालय के पास दो अपराधियों ने मंगलवार को कंपनी के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर शरद कुमार को गोली मारकर हत्या कर देने के बाद देर रात पुलिस मुख्यालय की ओर से एडीजीपी ऑपरेशन संजय लाटकर और आतंकवाद निरोधक दस्ता के एसपी सुरेंद्र झा बड़कागांव पहुंचे. इस दौरान हजारीबाग के एसपी मनोज रतन चोथे और सीसीआर डीएसपी आरिफ इकराम भी उपस्थित थे. पुलिस अधिकारियों ने बड़कागांव डीएसपी के चेंबर में बैठक कर पूरी घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली.
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पूरे इलाके में चलाया जा रहा सर्च ऑपरेशन
घटना के बाद पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है ताकि अपराधियों की धरपकड़ हो सके. वहीं इंटिलिजेंस की भी मदद ली जा रही है कि जब घटना घटी, उस वक्त कौन सा मोबाइल फोन उस इलाके में सक्रिय था. लेकिन अब तक किसी भी तरह की जानकारी हाथ नहीं लगी है. हजारीबाग पुलिस घटना के बाद जेल में बंद अपराधियों से भी पूछताछ कर रही है. इस बिन्दु को भी खंगाला जा रहा है कि कहीं जेल के अंदर से तो हत्या की साजिश नहीं रची गई.
कौन थे अपराधियों के निशाने पर, एजीएम भास्कर सिंह के वाहन पर बैठे थे शरद कुमार
शरद कुमार जिस गाड़ी पर बैठे हुए थे वह एनटीपीसी के आउटसोर्सिंग कंपनी ऋत्विक कोयला उत्खनन के एजीएम भास्कर सिंह की बताई जा रही है. इस गाड़ी का नंबर जेएच 02 एडब्ल्यू 2210 है. शरद कुमार को बुलेटप्रूफ गाड़ी मुहैया कराई गई थी. ऐसे में इसे बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अपराधियों के निशाने पर भास्कर सिंह भी हो सकते थे.