Pramod Kumar Upadhyay
Hazaribagh: जब दिल में हो भक्ति, तो नहीं रोक सकती कोई शक्ति. इसका जीता जागता उदाहरण थे कटकमसांडी प्रखंड के पबरा गांव निवासी स्वतंत्रता सेनानी भेखलाल महतो. शहर में नवमी का जुलूस देखकर भेखलाल महतो की भी इच्छा हुई कf हमारे गांव का जुलूस भी शहर में जाए. बस इसी इच्छा के कारण नवमी का जुलूस हजारीबाग शहर लाने का फैसला भेखलाल महतो ने किया. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले बनारस जाकर टीन में छपे हनुमानजी के चित्र को लाया और पबरा एवं आसपास के गांवों में डफली और हनुमान जी के चित्र लेकर महीनों तक प्रचार किया कि इस बार की रामनवमी में गांव का एक जुलूस भी हजारीबाग शहर लेकर जाना है. उनके भागीरथी प्रयास से 1932 में पबरा का जुलूस गाजे-बाजे और टीन पर छपे हनुमान जी के चित्र और एक लंबा झंडा लेकर लाठी, डंडा, फरसा, भाला के साथ रोमी,, पेलावल, इंद्रपुरी चौक, पैगोडा़ चौक, झंडा चौक होते हुए बड़का अखड़ा पहुंचा और वहां पर अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन कर, पूजा अर्चना कर पुनः उसी रास्ते से जुलूस वापस पबरा पहुंचा. इस कार्य में इनके मित्र स्व. जानकी महतो, स्व. बालदेव महतो, स्व. रामलाल महतो, बंशी महतो, सीताराम महतो ने काफी सहयोग किया.
इसे भी पढ़ें-चाईबासा : भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा से सिंहभूम की जनता 5 साल का हिसाब मांग रही : लक्ष्मी सुरेन
जुनून को देखकर भेखलाल महतो को लोग कहने लगे झंडा महतो
1932 से लेकर आज तक पबरा का जुलूस शहर आ रहा है. नवमी का जुलूस निकालने और हनुमान जी की भक्ति का जुनून भेखलाल महतो पर इस कदर चढ़ा कि इनको जब भी मौका मिलता डफली और हनुमानजी का चित्र लेकर पैदल गांव-गांव में रामनवमी का जुलूस निकालने के लिए प्रचार प्रसार करने के लिए निकल जाते थे. इनके इस जुनून को देखकर लोग इनको भेखलाल महतो की जगह झंडा महतो कहने लगे. इनके प्रचार प्रसार का ही नतीजा है कि आज दर्जनों गांवों की झांकियां हजारीबाग शहर आती हैं. इनके गुजर जाने के बाद पबरा में जुलूस निकालने की जिम्मेवारी इनके बड़े पुत्र और शिक्षक स्व. दिनेश्वर प्रसाद मेहता ने निभायी और उसके बाद उनके छोटे पुत्र सुरेंद्र प्रसाद मेहता अभी तक जुलूस निकालते आ रहे हैं. 1932 के पहले छड़वा डैम के पास लगने वाले मुहर्रम के मेले का खलीफा हुआ करते थे भेखलाल महतो. सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतिमूर्ति और रामनवमी का प्रचार गांव – गांव तक करने वाले भेखलाल महतो हैं.
इसे भी पढ़ें-बोकारो : रामनवमी पर शहर में दोपहर 2 से रात 10 बजे तक भारी वाहनों की नो इंट्री