Jamshedpur : पूर्व केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री सह हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि झारखंड में विकास कार्य रूक गया है. यहां की सरकार केवल दिखावा कर रही है. विकास की जगह नमाज की बात हो रही है. सिन्हा शनिवार को स्थानीय परिसदन में मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने झारखंड में विकास के कई कार्यों को शुरू कराया, लेकिन झारखंड की सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए केन्द्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का ठीकरा फोड़ती है. उनके मंत्रित्वकाल में धालभूमगढ़ सहित झारखंड के हजारीबाग, देवघर, गुमला सहित अन्य जगहों पर एयरपोर्ट निर्माण को लेकर करार हुआ. धालभूमगढ़ में तो भूमिपूजन कर दिया गया. राशि आवंटित कर दी गई. लेकिन राज्य सरकार की ओर से अभी तक फॉरेस्ट क्लियरेंस नहीं दिया गया. इसके कारण यह मामला लटका है.
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उन्होंने कहा कि अगर यह एयरपोर्ट बन जाता है तो इससे झारखंड में निवेश की काफी संभावना बढ़ जाएगी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों को अच्छा माहौल देना, उन्हें मुलभूत सुविधाएं देना राज्य सरकार का काम है. लेकिन इस काम में भी राज्य सरकार फेल है. हाल ही में धालभूम एयरपोर्ट को लेकर केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिन्धिया की ओर से जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो को लिखा पत्र दिखाते हुए उन्होंने कहा कि उक्त पत्र में नागर विमानन विभाग झारखंड सरकार को यह सलाह दी गई है कि वह मुख्य वन्य वार्डन के साथ समन्वय के लिए एक फॉरेस्ट क्लियरेंस कंसल्टेंट की नियुक्ति करें और परियोजना की मंजूरी के लिए पर्यावरण मूल्यांकन समिति को प्रस्ताव प्रस्तुत करें. लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि धालभूमगढ़ एयरपोर्ट चालू कराने को लेकर वे लगातार प्रयास कर रहे हैं. केन्द्र सरकार के स्तर पर कोई अड़चन नहीं है. राज्य सरकार को फॉरेस्ट क्लियरेंस देना है. इसके लिए वे मुख्य सचिव से भी मिल चुके हैं. मौके पर भाजपा महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, सांसद प्रतिनिधि संजीव कुमार, भाजपा ओबीसी मोर्चा के नरेंद्र प्रसाद आदि मौजूद थे.