Hazaribag : मोदी सरकार पर पहले भी प्रचार में खूब खर्च करने के आरोप लगते रहे हैं. इसी को लेकर हजारीबाग के बरही में रहनेवाले सोशल एक्टिविस्ट संजय मेहता ने एक आरटीआई की थी. उन्होंने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से लेकर दूसरे कार्यकाल के अक्टूबर-2019 तक प्रचार प्रसार में हुए खर्च का ब्योरा मांगा था. आरटीआई के जवाब से जो जानकारी मिली, उसके मुताबिक मोदी सरकार ने 26 मई 2014 से 09 अक्टूबर 2019 तक प्रचार-प्रसार में 55 अरब, 14 करोड़ खर्च किये थे.
जानकारी के अनुसार मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल यानी 30 मई 2019 से 09 अक्टूबर 2019 तक मात्र चार महीने में सिर्फ प्रिंट मीडिया में प्रचार पर 47 करोड़, 40 लाख, 38 हज़ार, 941 रुपये खर्च किये. इसमें टीवी और अन्य विज्ञापन का खर्च शमिल नहीं है.
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संजय मेहता ने 2 जानकारियां मांगी थीं
- वर्तमान प्रधानमंत्री के पहले कार्यकाल 26 मई 2014 से 29 मई 2019 तक सरकार ने अपने प्रचार में कितनी राशि खर्च की.
- वर्तमान प्रधानमंत्री के दूसरे कार्यकाल की प्रारंभ तिथि 30 मई 2019 से लेकर 09 अक्टूबर 2019 तक सरकार ने अपने प्रचार में कितनी राशि खर्च की.
सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 2 दिसंबर 2019 को फाइल संख्या ABS/14/11/2019-RTI-270 के तहत पत्र का जवाब दिया. उसमें बताया गया कि सरकार ने तीन तरीके से अपना प्रचार किया है.
- प्रिंट मीडिया
- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
- आउटडोर मीडिया
# पहले कार्यकाल से दूसरे कार्यकाल के अक्टूबर 2019 तक 55 अरब रुपये से अधिक फूंक चुकी है मोदी सरकार
# पहले कार्यकाल 26 मई 2014 से 29 मई 2019 तक सरकार का प्रचार खर्च –
# प्रिंट मीडिया – 19,19,22,02,121 (19 अरब, 19 करोड़, 22 लाख, दो हज़ार 1 सौ 21 रुपये )
# आउटडोर मीडिया – 8,260,522,201 (8 अरब, 26 करोड़, 5 लाख, 22 हजार 2 सौ एक रुपये)
# इलेक्ट्रॉनिक मीडिया – पहले कार्यकाल की तारीख 26 मई 2014 से 29 मई 2019 एवं 30 मई 2019 से 09 अक्टूबर 2019 तक 27,215,749,227 (27 अरब, 21 करोड़, 57 लाख, नौ हजार 2 सौ 27 रुपये).
# दूसरे कार्यकाल के 30 मई 2019 से 09 अक्टूबर 2019 तक प्रिंट मीडिया में प्रचार का खर्च – 47,40,38,941 (47 करोड़, 40 लाख, 38 हज़ार,941 रुपये) था.
# इस तरह सरकार के पहले कार्यकाल 26 मई 2014 से 29 मई 2019 एवं दूसरे कार्यकाल की शुरुआत 30 मई 2019 से 09 अक्टूबर 2019 तक सरकार के प्रचार का कुल खर्च -55,142,512,490 (55 अरब, 14 करोड़, 25 लाख, 12 हज़ार 490 रुपये) रहा.
प्रचारजीवी है मोदी सरकारः संजय मेहता
संजय मेहता ने कहा केंद्र सरकार अपने प्रचार-प्रसार पर जनता की गाढ़ी कमाई बहा रही है. इस लिहाज से यह सरकार खुद प्रचारजीवी सरकार है. सरकार द्वारा किसानों का मजाक उड़ाना, उन्हें ‘आंदोलनजीवी’ और ‘परजीवी’ कहना गलत है. ‘प्रचारजीवी’ सरकार और नेता ऐसा कहने से बचें. वरना किसान नाकों चने चबाने को मजबूर कर देंगे. जिस देश में लाखों लोग भूख, गरीबी से मर रहे हैं, वहां पर प्रचार में अरबों रुपया फूंक देना कहां तक जायज है?
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