Arun Kumar
Garhwa: गढ़वा के भंडरिया प्रखण्ड के खजुरी में वनाधिकार कानून 2006 एवं संशोधित अधिनियम 2012 के 3(1) झ एवं 5 के अंतर्गत ग्राम सभा ने जंगल का प्रबंधन करने का संकल्प लिया. धारा 3 (1) क, ख, ट एवं ड के अंतर्गत कला खजुरी ग्राम सभा के 300 परिवारों को अब निस्तार का अधिकार, गौण वन उपज का अधिकार, जैव विविधता का अधिकार पुनर्वास का अधिकार औऱ पर्यावरण संरक्षण का अधिकार प्राप्त करने का संकल्प दोहराया. ग्राम प्रधान बिश्राम बाखला ने कहा कि बहुत संघर्ष के बाद वनाधिकार कानून 2006 बना है. हमारे गांव ने सामूहिक दावा के अंतर्गत वन क्षेत्र का इस्तेमाल करने के लिए दावा पेश किया है. जो अब भी अनुमंडल स्तर पर लंबित है.
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वन का संरक्षण करने का फैसला लिया
कहा कि इसके बावजूद भी उन्होंने जंगल का संरक्षण करने का फैसला लिया. अब कोई भी ग्राम सभा की अनुमति के बिना जंगल मे आग नहीं लगा सकेगा. पेड़ काटना और जीव एवं जंगल विविधता को नुकसान पहुंचाना सख्त मना है. पकड़े जाने पर ग्राम सभा द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी. कार्यक्रम में बिश्राम बाखला, उप प्रधान विश्वनाथ बाखला, ग्राम सभा के आठों समिति के सदस्यगण, आफिर संगठन के कार्यकर्ता फिलिप कुजूर, सुनील मिंज, बीजपुर ग्राम सभा के उप प्रधान धरमु मिंज, ग्राम सभा कला खजुरी के वनाधिकार समिति के अध्यक्ष अमरलाल तिर्की, नोवेल तिर्की, जीवनदान तिर्की, आग्रेन ताग्रेन केरकेट्टा, जेनी टोप्पो, तृप्ति टोप्पो, आनंद बाझल, ननका बाखला और फोरकिल कच्छप मौजूद थे.
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