LagatarDesk : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर अडानी ग्रुप की कंपनियों पर पड़ रहा है. इसका असर अडानी की नेटवर्थ पर भी ऐसा पड़ा कि हफ्तेभर में वे दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हो गये. ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, गौतम अडानी की कुल संपत्ति 8.21 बिलियन डॉलर घटकर महज 84.4 अरब डॉलर रह गयी. रईसों की लिस्ट में अब अडानी 11वें नंबर पर आ गये हैं. (पढ़ें, बजट सत्र 2023 : पीएम मोदी ने कहा, बजट लोगों की आशाओं, आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेगा)
कभी भी मुकेश अंबानी से भी पीछे हो सकते हैं गौतम अडानी
एशिया के दूसरे सबसे उद्योगपति मुकेश अंबानी की बात करें तो वो पहले ही दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हो थे. अभी अंबानी 82.2 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ 12वें नंबर पर आ गये हैं. पिछले 24 घंटे में उनकी संपत्ति में 809 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है. अब एशिया के पहले और दूसरे सबसे बड़े उद्योगपति यानी गौतम अडानी और मुकेश अंबानी के बीच महज एक पायदान का फासला रह गया है. गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की संपत्ति में अब 2.2 अरब डॉलर का फासला है. अगर अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में ऐसे ही गिरावट आती रही तो वो दिन दूर नहीं है कि गौतम अडानी मुकेश अंबानी से भी पीछे हो जायेंगे.
इस साल सबसे ज्यादा दौलत गवांई
बता दें बीते साल 2022 में गौतम अ़डानी दुनिया के तमाम अमीरों की तुलना में सबसे ज्यादा कमाई वाले व्यक्ति बनकर उभरे थे. वहीं इस साल पहले ही महीने में अडानी ग्रुप के चेयरमैन का नाम सबसे ज्यादा संपत्ति गंवाने के मामले में टॉप पर आ गया है. महीनेभर में ही उन्होंने 36.1 अरब डॉलर की रकम गंवा दी है.
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तीन दिनों में अडानी ग्रुप की कंपनियों का कुल मार्केट कैप 5.5 लाख करोड़ घटा
हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट सामने आने के बाद से शेयर बाजार में लिस्टेड अडानी ग्रुप की सातों कंपनियों के शेयरों में गिरावट आयी है. जिसकी वजह से अडानी ग्रुप की कंपनियों का कुल मार्केट कैप सिर्फ तीन दिनों में ही 5.5 लाख करोड़ घट गया. अडानी टोटल गैस में आज 10 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है. बीते चार दिनों में अडानी टोटल गैस और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में सबसे ज्यादा 20 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है. इसके अलावा अडानी ग्रुप के अन्य शेयर भी बुरी तरह टूटे हैं और गिरावट का यह सिलसिला अभी भी जारी है. हालांकि अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में अभी भी 2.98 फीसदी की बढ़त देखने को मिल रही है.
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हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट जारी कर अडानी ग्रुप पर लगाया आरोप
बता दें अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने 25 जनवरी को 30000 से अधिक शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की थी. जिसमें 80 से अधिक सवालों के जवाब अडाणी ग्रुप से मांगे गये थे. रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों की शेयर वैल्यू कंपनियों को वास्तविक वैल्यू से 85 प्रतिशत तक अधिक बताया गया है. इसके लिए अलग-अलग तरह के नाजायज तरीकों को अपनाया गया है. इतना ही नहीं ग्रुप की सभी प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर काफी ज्यादा कर्ज भी है. जिसपर अडानी ग्रुप ने अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग को 413 पन्नों का जवाब भेजा था. अडानी ग्रुप ने कहा था कि वह 24 जनवरी को ‘मैडऑफ्स ऑफ मैनहट्टन’ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को पढ़कर हैरान और काफी परेशान है. इस रिपोर्ट झूठ के अलावा और कुछ नहीं है. ग्रुप ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को निराधार बताया है. अडानी ग्रुप ने कहा कि यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अनुचित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता और भारत की विकास की कहानी और महत्वाकांक्षा पर एक सुनियोजित हमला है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट चुनिंदा मिस-इन्फॉर्मेशन का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है. ग्रुप को बदनाम करने और खुद को लाभ पहुंचाने के लिए यह रिपोर्ट तैयार की गयी है.
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