Giridih : लंबे अरसे से चिकित्सकों की भारी कमी झेल रहे गिरिडीह सदर अस्पताल की हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ती जा रही हैं. राज्य स्तर पर चिकित्सकों के हाल में हुए तबादले का गिरिडीह सदर अस्पताल पर बड़ा असर पड़ा है. जिस अस्पताल में 33 चिकित्सक होने चाहिए थे. वहां अब महज 10 चिकितस्क ही रह गये हैं. कई विभाग बिना चिकित्सक अनाथ हो गया है.
14 चिकित्सकों से चलाया जा रहा था काम
सदर अस्पताल को 2015 में मिली आईएसओ दर्जा के बाद यहां चिकित्सकों की क्षमता 33 कर दी गई थी. पर अब तक 14 चिकित्सकों से ही काम चलाया जा रहा था. बड़े स्तर पर चिकित्सकों के तबादले के बाद यह संख्या सिमट कर 10 हो गई है. उपाधीक्षक सह सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ. उपेंद्र दास ने बताया कि सदर अस्पताल से नेत्र सर्जन डॉ. दीपक कुमार, एनेस्थीसिया के डॉ. रमेश चंद्र, सर्जन डॉ. अरुण कुमार और डॉ गोविंद प्रसाद का तबादला कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार ने 2 चिकित्सकों की पदस्थापना यहां की है. लेकिन अभी तक इसकी कोई सूचना नहीं है कि गिरिडीह में वह योगदान देंगे या नहीं.
क्षमता की एक तिहाई चिकित्सकों से काम चलाने को मजबूर सदर अस्पताल की इस मजबूरी का खामियाज़ा गरीब और असहाय लोगों को ही भुगतना पड़ रहा है. दूर-दराज के इलाकों से आने वाले मरीज़ बिना चिकित्सा के लौटने को विवश हो जाते हैं. ऐसे में चार चिकिस्तकों के तबादले से ये संकट और गहराएगा.