Giridih : कांग्रेस जिलाध्यक्ष की घोषणा में हो रही देरी का पार्टी के कार्यक्रमों पर असर पड़ता दिख रहा है. 8 सालों तक पार्टी के सिरमौर जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा की विदाई बेला आ गई है. अपने कार्यकाल में खराब परफॉर्मेंस को लेकर उन्हें भी कोई ख़ास उम्मीद नहीं है कि जिलाध्यक्ष पद से विदाई के बाद संगठन में कोई दूसरी बड़ी जिम्मेवारी मिलेगी.
विगत अगस्त माह से जिलाध्यक्ष की घोषणा को लेकर अब तक की ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. अगस्त के शुरुआती दिनों में पार्टी के हर कार्यक्रम में भारी भीड़ देखी गई. लेकिन जिस तरह घोषणा टलती गई, तमाम दावेदार भी अब संशय की स्थिति में है. रांची से छनकर आ रही खबरों के मुताबिक जिलाध्यक्ष पद पर किस की ताज़पोशी होगी तस्वीर साफ़ हो गई है. माना जा रहा है कि दस नवंबर तक नाम का ऐलान भी हो सकता है. यही कारण है कि अब हर बात पर प्रेस रिलीज़ जारी करने की परंपरा फिलहाल खत्म सी हो गई है. मीडिया के लिए कांग्रेस की बनाई गई व्हाट्सएप ग्रुप में भी सन्नाटा पसरा है. विदित हो कि सातवें चरण में बोकारो, धनबाद के साथ गिरिडीह में 8 से 10 दिसंबर तक भारत जोड़ो यात्रा की जानी है. संगठन के कार्यक्रम को लेकर यही लचर रवैया ज़ारी रहा तो यात्रा की सफलता पर प्रश्न चिन्ह लगना लाजमी है.
इधर जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा ने कहा कि पार्टी कार्यक्रमों को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है. राज्य से जो भी निर्देश मिल रहा है, उसे पूरा किया जा रहा है. त्योहार के कारण कुछ कार्यक्रमों पर असर पड़ा है.