Giridih : जमुआ के पूर्व विधायक चंद्रिका महथा के कांग्रेस में शामिल होने की ख़्वाहिश धरी की धरी रह गई. अलबत्ता भारी विरोध और हंगामे के बीच बेआबरू होकर भरी सभा से चंद्रिका महथा को उल्टे पांव लौटना पड़ा. सप्ताह भर से चंद्रिका महथा के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा थी. बताया गया था कि गुरुवार 13 अप्रैल को गिरिडीह में आयोजित कांग्रेस की जय भारत सत्याग्रह सभा में चंद्रिका महथा झारखंड कांग्रेस के दिग्गजों के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता लेंगे. लिहाज़ा तय समय पर चंद्रिका महथा नगर भवन पहुंचे और कार्यकर्ताओं के लिए सजी कुर्सी की दूसरी पंक्ति में जाकर बैठ गए. पार्टी की जय भारत सत्याग्रह सभा की शुरुआत भी हो गई. इसी बीच जमुआ के कई कांग्रेसी कार्यकर्ता सभा के बीच नारेबाजी करने लगे. बताया गया कि पूर्व विधायक के कांग्रेस में शामिल होने को आलाकमान के निर्देश पर टाल दिया गया है.
जिलाध्यक्ष व जमुआ के पूर्व प्रत्याशी के ख़िलाफ़ शुरू हुई नारेबाज़ी
चंद्रिका महथा की कांग्रेस में एंट्री टालने के सूचना के बाद जमुआ के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष धनंजय सिंह और जमुआ विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी डॉ.मंजू कुमारी के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी करने लगे. युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमार गौरव कार्यकर्ताओं को समझाते हुए ही उग्र हो गए और दरवाजा बंद करने का निर्देश दे दिया. इस पर कार्यकर्ता और उबल गए और जमकर नारेबाजी करने लगे.
प्रदेश नेतृत्व को ज़िलाध्यक्ष ने किया नजरअंदाज़
जानकारी के अनुसार जिलाध्यक्ष धनंजय सिंह की कार्यशैली के कारण ही चंद्रिका महथा कांग्रेस में शामिल नहीं हो पाए. जिलाध्यक्ष ने प्रदेश नेतृत्व को बाईपास करते हुए पार्टी में शामिल होने की सूचना सीधे केंद्रीय नेतृत्व को दी थी. जिसके बाद तय कार्यक्रम से ऐन पहले पार्टी ने पूर्व विधायक को लेने से इंकार कर दिया.
चंद्रिका महथा के समर्थक भी बिदके
दूल्हा तैयार, बारात तैयार और एकाएक दूल्हे को ही दरकिनार कर दिये जाने से चंद्रिका महथआ के समर्थक भी भड़क गये. समर्थकों को इस बात से नाराजगी थी कि जब सूचना पूर्व में आ गई थी, तो पूर्व विधायक को बताया क्यों नहीं?
डॉ. मंजू ने ली राहत की सांस
विरोध प्रदर्शन सभा के अंत तक जारी रहा. सभा समाप्ति के बाद पूर्व विधायक चंद्रिका महथा चुपके से खिसकते नजर आए. इधर डॉक्टर मंजू को बड़ी राहत मिली. महथा के कांग्रेस में शामिल होने के बाद डॉक्टर मंजू को मजबूत प्रतिद्वंदी होने का डर सता रहा था. फिलहाल संकट टल गया है.
अनुशासन का पाठ पढ़ाते रह गये प्रदेश प्रभारी
पार्टी के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने कार्यकर्ताओं के विरोध पर कड़ी आपत्ति दर्ज की. कहा कि अवसरवादी कार्यकर्ता संगठन को कभी मजबूती नहीं दे सकता. अनुशासन में रहकर ही विरोध किया जा सकता है, हंगामा कांग्रेस की कभी संस्कृति नहीं रही है.
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