Ranchi : रिम्स के प्रशासनिक भवन सभागार में चल रहे तीन माह के शॉर्ट टर्म फेलोशिप प्रोग्राम का शनिवार को समापन हो गया. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गुड क्लिनिक प्रैक्टिस पर आयोजित किया गया था. इस प्रोग्राम के लिए डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा फंडिग की गयी थी. प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य के पांच मेडिकल कॉलेज एवं दो डेंटल मेडिकल कॉलेज के प्रतिभागी शामिल हुए. सभी उत्तीर्ण प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.
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जागरुकता का मुख्य माध्यम नियमित रूप से प्रशिक्षण एवं कार्यशाला
समापन समारोह को संबोधित करते हुए रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि तत्कालीन आधुनिक समय में मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों के अलावा समाज में भी अनुसंधान मानसिकता की आवश्यकता है. जागरुकता का मुख्य माध्यम नियमित रूप से प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन है. डॉ प्रसाद ने कहा कि यह परियोजना तीन वर्षों के लिए है. जिसमें एक बैच इस वर्ष -2022 के प्रशिक्षण में 32 प्रभागियों को फेलोशिप प्रदान की गयी. इस फेलोशिप प्रोग्राम को सफल बनाने में 14 रिम्स के मेंटर एवं दो राष्ट्रीय स्तर के मेंटर एम्स नई दिल्ली के पूर्व प्राध्यापक बायोस्टैटिक्स डॉ एसएन द्विवेदी एवं प्रो. शान्तनुके त्रिपाठी,डीन (एकेडमिक) एंड एचओडी फार्माकोलॉजी, नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज की अहम भूमिका रही. रिम्स निदेशक ने कहा कि यह गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस कराया जाने वाला देश का सबसे लंबा एवं विस्तृत फेलोशिप प्रोग्राम है. इस जीसीपी प्रोजेक्ट के प्रिसिंपल इन्वेस्टीगेटर रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद के अलावा को- इनवेस्टीगेटर डॉ एसबी एवं डॉ अर्पिता राय है.
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