Vinit Upadhyay
Ranchi : हर अपराध और अपराधी की अपनी एक कहानी होती है. अपनी इस खबर में हम आपको एक ऐसे ही युवक की कहानी बता रहे हैं, जो रातू रोड में ऑटो स्टैंड से वसूली करते-करते राजधानी रांची का कुख्यात अपराधी बन गया. ऑटो स्टैंड से वसूली की होड़ में अपने परिवार पर हुए हमले का बदला लेने के लिए एक व्यक्ति की हत्या कर संदीप थापा शहर का कुख्यात अपराधी बन गया. यह तथ्य तब सामने आया, जब सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त एमसी वर्मा की अदालत ने 19 अक्टूबर, 2006 को नामकुम में एक भाजपा नेता सुरेंद्र राय की हत्या मामले में संदीप थापा को उम्रकैद की सजा सुनाई. फिलहाल संदीप जेल की सलाखों के पीछे अपने गुनाहों का प्रायश्चित कर रहा है.
संदीप को करीब से जानने वाले बताते हैं कि करीब 10 साल पहले उसने उस वक्त बंदूक उठाई जब उसके परिवार पर हमला किया गया. परिवार पर हमला करने वाले व्यक्ति की हत्या कर वह अपराधी बन गया. सुरेंद्र राय की हत्या के बाद पहली बार संदीप का नाम अपराधी के रूप में सामने आया. लेकिन रातू रोड में अजीत यादव की हत्या के बाद संदीप थापा कुख्यात अपराधी बन गया. लोग उसके नाम से डरने लगे. उसके खिलाफ हत्या के चार मामले दर्ज हैं. इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक मामले आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज हैं. उसके खिलाफ रंगदारी के भी कई मामले दर्ज हैं.
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थापा को जानने वाले एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि अजीत यादव हत्याकांड और सुरेंद्र राय उर्फ मुखिया हत्याकांड में निचली अदालत ने संदीप को दोषी ठहराया है. जबकि शक्ति सिंह और हार्डवेयर कारोबारी चौधरी हत्याकांड में फैसला आना अभी बाकी है. हाल ही में रांची पुलिस ने उसे एक पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा है. शनिवार को रांची सिविल कोर्ट ने सुरेंद्र राय हत्याकांड में थापा को उम्रकैद की सजा सुनाई है. फिलहाल संदीप जेल की सलाखों के पीछे है.
जेल से बाहर आने के बाद सामाजिक कार्यों में लेता था बढ़-चढ़कर हिस्सा
संदीप थापा उर्फ संदीप प्रधान को अजीत यादव हत्याकांड में 10 साल की सजा हुई थी. 2018 में जेल से बाहर आने के बाद उसने शादी कर ली. फिर वह सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगा. विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर कई सामाजिक कार्य भी शुरू किया. हालांकि पिछले महीने रातू रोड के बिड़ला मैदान के पास से उसे एक अवैध पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जेल की सलाखों के पीछे जाने के बाद उसका कर्म एक बार फिर उसके आपराधिक चरित्र पर हावी हो गया. शायद इसीलिए कहा जाता है कि इंसान के बुरे कर्म हमेशा उसका पीछा करते रहता है.
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