Ranchi : बजट सत्र के दूसरे चरण के आठवें दिन सदन में माले विधायक विनोद सिंह ने अनुसूचित प्रश्न के जरिए राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में 300 से ज्यादा जेआरएफ पास अभ्यर्थियों को शिक्षकों के अभाव में शोध निदेशक नहीं मिल रहे हैं. वहीं विश्वविद्यालयों में स्वीकृत पदों के 40 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं.
इसपर सरकार की ओर से मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा, यह सही है कि राज्य के विश्वविद्यालयों में 40 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं. लेकिन शोध निदेशकों का अभाव नहीं है. उन्होंने बताया कि रांची यूनिवर्सिटी में JRF पास अभ्यर्थियों की संख्या 142 है, जबकि शोध निदेशक 92 हैं. वहीं विनोबा भावे यूनिवर्सिटी में JRF पास अभ्यर्थियों की संख्या 88 है. जबकि शोध निदेशकों की संख्या 42 है. सिद्धो कान्हो मुर्मू यूनिवर्सिटी में JRF पास अभ्यर्थियों की संख्या 19 है, जबकि शोध निदेशकों की संख्या 63 है. शोध निदेशकों की राज्य में कमी नहीं है.
जहां तक बात विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का है, तो इसके लिए राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों के मुख्यालय और अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय को ईकाई मानकर आरक्षण रोस्टर क्लीयरेंस की प्रक्रिया का प्रस्ताव कार्मिक विभाग को भेजा है. शिक्षकों की नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.
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