Lucknow : उत्तर प्रदेश के मंदिरों और शक्तिपीठों में रामायण और दुर्गा सप्तशती के पाठ किये जायेंगे. इस संबंध में योगी सरकार ने दिशा-निर्देश जारी कर दिये है. राज्य के सभी डीएम से कहा गया है कि वे जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर आयोजन कराने की तैयारी करें. जान लें कि 22 मार्च से चैत नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. इस दौरान मंदिरों और शक्तिपीठों में कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी की जा रही है.
इसे भी पढ़ें : संसद का बजट सत्र : कल की कहानी दोहराई गयी, राहुल-अडानी पर हंगामा, लोकसभा दो बजे तक स्थगित
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन भी होंगे
जानकारी के अनुसार रामायण और दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन भी होंगे. रामनवमी के दिन मंदिरों में इस योजना के तहत अखंड रामायण पाठ कराने की तैयारी है. आयोजनों के लिए सभी जिलों को एक-एक लाख रुपए का फंड दिया जायेगा. कार्यक्रम में महिलाओं की सहभागिता होगी. सभी जिलों को 21 मार्च तक तैयारी कर लेने का निर्देश दिया गया है.
इसे भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में बनी मस्जिद तीन माह में हटायें, वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज
योगी आदित्यनाथ सरकार की जनता को बड़ा संदेश देने की कोशिश
जानकारों का कहना है कि इस प्रकार के आयोजनों के जरिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जनता को बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. पिछले दिनों में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति के जरिए भाजपा की हिंदुत्व वाली पिच पर उतर गये हैं. वे मंदिरों में घूम रहे हैं. रामचरितमानस विवाद के बीच अखिलेश यादव ने हिंदुत्व पर भाजपा को घेरने की कोशिश की है. ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले योगी सरकार इन आयोजनों के जरिए विपक्ष को अपने जाल में घेरने की कवायद में जुट गये है.
राजनीतिक माहौल गरमा सकता है
मंदिरों और शक्तिपीठों में आयोजन की तैयारी की घोषणा से राजनीतिक माहौल गरमा सकता है. ऐसे में इसका विरोध करने वाले दलों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. वहीं, भाजपा इस प्रकार के आयोजन के जरिए सरकार की एक अलग उपलब्धि को लोगों के सामने लाएगी. योगी सरकार ने जिला स्तर पर इस प्रकार के आयोजन के लिए एक लाख रुपए का फंड देने की घोषणा की है.