NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट का कलीजियम सिस्टम सुर्खियों में है. जान लें कि अदालतों में जजों की नियुक्ति के लिए कलीजियम सिस्टम पर चर्चा गर्म है. जानकार कह रहे हैं कि इस मामले में न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच टकराव बढ़ना तय है. कल शुक्रवार को कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने इस पर अपने विचार रखे. कलीजियम सिस्टम को परिभाषित करते हुए कहा कि संविधान के लिए यह सिस्टम एलियन है.
साफ कहा कि इसमें कमियां हैं और कोई उत्तरदायित्व नहीं है. टाइम्स नाउ समिट 2022 में रिजीजू बोल रहे थे. उन्होंने न्यायपालिका में नियुक्तियों को लेकर पारदर्शिता की मांग की. चेताया कि यह न सोचें कि सरकार बिना सोचे-समझे कलीजियम की सिफारिश मानेगी.
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बोले कानून मंत्री, संविधान के लिए एलियन है कलीजियम सिस्टम
कानून मंत्री ने टाइम्स नाउ समिट में कलीजियम के बारे में कहा, कोई भी चीज जो संविधान के लिए एलियन है, उस पर सवाल उठेंगे ही. कहा कि हम जजों की नियुक्ति के कलीजियम सिस्टम का सम्मान करते हैं, ले किन बेहतर सिस्टम की गुंजाइश भी रखते हैं. अगर आप उम्मीद करते हैं कि सरकार बिना सोचे-समझे कलीजियम की सिफारिश पर हस्ताक्षर कर देगी, तो यह संभव नहीं है.
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सरकार फाइलों पर बैठी रहती है तो आप फाइलें मत भेजिए
कानून मंत्री ने कहा कि अगर सरकार फाइलों पर बैठी रहती है तो आप फाइलें मत भेजिए. लोकतंत्र में कोई न्यायपालिका का अपमान नहीं कर सकता, लेकिन आप यह अधिकार कहां से पाते हैं: आपको भारत के लोगों ने अधिकार दिया है, भारत के संविधान से आपको ताकत मिलती है. किरेन रिजीजू ने कहा कि मैं कलीजियम सिस्टम की आलोचना नहीं करना चाहता, लेकिन यह परफेक्ट नहीं है. सिस्टम में खामियां हैं.
यह पारदर्शी नहीं है और सरकार इसे रेखांकित करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि मकसद यह होना चाहिए कि न्यायसंगत तरीके से सबको न्याय मिले. उदाहरण दिया कि वकीलों को प्रति सुनवाई 30-40 लाख रुपये मिलते हैं. क्या एक आम आदमी इतनी फीस दे सकता है?
कलीजियम सिस्टम को हटाने की जरूरत नहीं : पूर्व CJI यूयू ललित
टाइम्स नाउ समिट में पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित ने जजों की नियुक्ति के लिए कलीजियम को बेहतर सिस्टम बताया. कलीजियम सिस्टम को बेहतर किये जाने के लेकर पूछे जाने पर जस्टिस ललित ने कहा, कलीजियम सिस्टम सैद्धांतिक रूप से बिल्कुल सही है. कारण यह है कि जजों की नियुक्ति का जो एंट्री लेवल है, वह हाई कोर्ट के जस्टिस के तौर पर होता है. हाई कोर्ट के जस्टिस के तौर पर नियुक्ति के बाद वह हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनते हैं और उन्हीं में से सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बनाये जाते हैं.
कलीजियम के सभी जज वफादार सैनिक : CJI चंद्रचूड़
उधर सीजेआई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह में कलीजियम पर विचार रखे, कहा कि कलीजियम के सभी जज वफादार सैनिक हैं जो संविधान को लागू करते हैं. जब हम खामियों की बात करते हैं तो हमें पहले से मौजूद सिस्टम में ही रास्ता तलाशना होगा. कहा कि संवैधानिक लोकतंत्र में कोई भी संस्था परफेक्ट नहीं होती. लेकिन हम संविधान के मौजूदा ढांचे के भीतर काम करते हैं