Latehar : झारखंड के सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) ने 17 जून को वेतनमान बढ़ोतरी समेत अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था. हालांकि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने एक सप्ताह के अंदर मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया था. जिसके बाद पारा शिक्षकों ने आंदोलन स्थगित कर दिया था. इसको लेकर एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष अतुल कुमार एवं महासचिव अनूप कुमार ने कहा कि राज्य सरकार सहायक अध्यापकों के साथ ज्यादती कर रही है. पारा शिक्षक 20 वर्षों से अधिक समय से शिक्षण के अलावा सरकार द्वारा दिये जाने वाले दर्जनों अन्य कार्यों को भी पूरी ईमानदारी से करते आ रहे हैं. ऐसे में आंकलन परीक्षा में प्रति विषय पास होने की शर्त रखना सहायक शिक्षकों के साथ अन्याय है. (पढ़ें, पीएम मोदी ने काहिरा के हेलियोपोलिस युद्ध कब्रिस्तान में शहीद भारतीय सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की)
बिहार की नियमावली के आधार पर सिलेबस जारी करने की मांग
अनूप कुमार ने कहा कि सरकार के साथ पूंर्णाक को लेकर भी जो समझौता हुआ था, उसका पालन नहीं किया जा रहा है. सहायक अध्यापकों में जैक द्वारा जारी आंकलन परीक्षा प्रारूप से काफी आक्रोश है. यह राज्य के 62 हजार पारा शिक्षकों के साथ घोर अन्याय है. बिहार में कुछ दिन पहले ही आकलन परीक्षा लिया है. उस परीक्षा में 100 में 30 अंक लाने वालो को सफल माना है और उन्हें वेतनमान भी दिया जा रहा है. उन्होंने बिहार की नियमावली का अध्ययन कर फिर से सिलेबस जारी करने की मांग की है. ताकि सभी सहायक अध्यापक उर्तीण हो सकें. उन्होंने कहा कि यह सरकार लगभग चार वर्ष से सहायक अध्यापकों को सिर्फ ठगने का कार्य करती आ रही है.
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