Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि महिला सशक्तीकरण सरकार की प्राथमिकता है. राज्य में कुछ लोग मानव तस्करी से जुड़े हैं. गरीब बच्चों को बहला-फुसला कर महानगरों में ले जाते हैं. हम झारखंड की बच्चियों को हुनरमंद बनाकर मजबूत करना चाहते हैं, ताकि वे अपने पैरों पर वह खड़ा होकर राज्य और समाज की सेवा कर सकें.
श्री सोरेन आज मुख्यमंत्री आवास में दिल्ली से रेस्क्यू कराकर लायी गयी 42 बच्चियों से बातचीत कर रहे थे. इन बच्चियों के साथ दो लड़कों को भी छुड़ाकर लाया गया है. मुख्यमंत्री ने खुद को इन बच्चियों का बड़ा भाई बताते हुये घोषणा की कि बालिग होने तक सभी बच्चियों को सरकार प्रतिमाह 2000 रुपये गुजारा भत्ता के रूप में देगी. जो बहनें बालिग हैं, उन्हें रोजगार से जोड़ा जायेगा. हेमंत सोरेन ने कहा कि जो बच्चियां पढ़ना चाहती हैं, उनकी पढ़ाई की व्यवस्था सरकार करेगी.
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बच्चे की पढ़ाई का खर्च उठायेंगे सीएम और सांसद
सीएम और राजमहल के सांसद विजय हांसदा ने एक बच्चे की पढ़ाई का खर्च वहन करने की जिम्मेवारी ली. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री को जानकारी मिली कि एक बच्चा पढ़ाई में काफी होशियार है. इसपर उन्होंने उस बच्चे की पढ़ाई का जिम्मा उठाने की घोषणा की. सीएम ने कहा कि बच्चा जब तक और जहां भी पढ़ना चाहे, वह और सांसद विजय हांसदा उसकी पढ़ाई का खर्च वहन करेंगे.
मानव तस्करी को रोकने का प्रयास कर रहा बाल कल्याण विभाग
राज्य का बाल कल्याण विभाग ऐसे बच्चों को घर वापस लाने का प्रयास कर रहा है, जिन्हें बहला-फुसला कर राज्य से बाहर भेज दिया जाता है, जहां उनका कई तरह से शोषण किया जाता है. विभाग की तरफ से रेस्क्यू कराये गये बच्चों को हुनरमंद बनाने का प्रयास भी किया जा रहा है.
बच्चों की होगी काउंसलिंग
दिल्ली से रेस्क्यू कराये गये बच्चियों की सामाजिक संसथाओं द्वारा काउंसलिंग की जायेगी. कुछ बच्चे नक्सलियों के भय से अपने घर नहीं जाना चाहते. वैसे बच्चों की देखरेख की व्यवस्था की जायेगी.