पिछले दिनों इंटरनेट पर समाचार और मनोरंजन प्रसारित करनेवाली सेवाओं पर निगरानी के लिए भारत सरकार ने नियमों में बदलाव किये हैं और राष्ट्रपति ने इसे अपनी अनुमति भी दे दी है. इसका मतलब है कि समाचार वेबसाइटों और मनोरंजन के कार्यक्रम प्रसारित करनेवाली नेटफ्लिक्स जैसी सेवाओं के लिए अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय दिशा-निर्देश जारी करेगा. जिन्हें मानना वेबसाइटों के लिए बाध्यकारी होगा.
इस बदलाव से केंद्र सरकार ने एक साथ दो बड़े क्षेत्रों पर नियंत्रण करने की शुरुआत कर दी है. भारत में इंटरनेट पर समाचार/करंट अफेयर्स और मनोरंजन दोनों पर ही केंद्रित वेबसाइटें और ऐप्प तुलनात्मक रूप से नये ही हैं. इन्हें भारत में शुरू हुए अभी एक दशक भी नहीं हुआ है
भारत में थियेटरों में दिखाई जानेवाली फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड, टेलीविजन के लिए ट्राई तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय और अखबारों के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया जैसी नियामक संस्थाएं हैं. लेकिन अभी तक सीधे तौर पर इंटरनेट पर आधारित इन क्षेत्रों के लिए कोई नियामक नहीं था.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इंटरनेट से जुड़े विषयों को देखता है, लेकिन अभी तक मंत्रालय के पास वेबसाइटों पर डाली जाने वाली सामग्री के मानक निर्धारित करने की कोई विशेष शक्तियां नहीं थीं. अगर सूचना और प्रसारण मंत्रालय अब ऐसे मानक बनाने की शुरुआत करता है, तो इसका इन क्षेत्रों पर दूरगामी असर होगा.
इन क्षेत्रों को समझने वाले कई जानकार मानते हैं कि इंटरनेट पर आधारित यह दोनों ही क्षेत्र सरकार की आंखों में खटकते हैं. बीते कुछ सालों में न्यूज और करंट अफेयर्स की वेबसाइटों पर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तुलना में सरकार की कमियों पर ज्यादा चर्चा देखी गयी है. अधिकतर वेबसाइटें मुखर रूप से केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की कमियां उजागर करती हैं.
दूसरी तरफ नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम, हॉटस्टार, जीफाईव, एमएक्सप्लेयर जैसी सेवाएं बीते कुछ सालों से ऐसे कार्यक्रम प्रसारित कर रही हैं, जिनकी विषय वस्तु और उन विषयों को परोसने का तरीका पारंपरिक मीडिया के मुकाबले कहीं ज्यादा बोल्ड होता है. अक्सर इन सेवाओं पर अश्लीलता परोसने का आरोप लगाया जाता है. केंद्र सरकार ने भी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करना चाह रही है.
इन सब कारणों से डिजिटल मीडिया पर सरकारी सेंसरशिप के बढ़ने की आशंकाओं ने भी जन्म लिया है. देखना होगा कि इन बदलावों के बाद सरकार डिजिटल मीडिया के लिए किस तरह के दिशा निर्देश लेकर आती है.